कलियुग की माया | Kalyug Ki Maya (१) धनि कलियुग महराज आप ने लीला अजबदिखाई है । उलटा चलन चला दुनिया में सबकी मति बौराई है । । नीति पंथ उठ गया कचहरी पापन से गरूआई है । धर्म गया पाताल सभी के मन बेधर्मी छाई है । । गुप्त हुए सच्चे वकील झूठों की बात सवाई है । सच्चों की परतीत नही झूठों ने सनद बनाई है । । न्याय छोड अन्याय करें राजों ने नीति गँवाई है । हकदारों का हक्क मेट बेहक पर कलम उठाई है । । जो हैं … [Read more...]
मन हंसता है उर रोता है – आचार्य डा.अजय दीक्षित “अजय”
मन हंसता है उर रोता है | Man Hasta Hai Ur Rota Hai ***** सम्मान रुपी बिष से जब कोई अपनों की इज्जत धोता है । मन हंसता है उर रोता है ।। विग्रह की सत्य भूमी पर ,जब द्वेष बीज कोई बोता है । मन हंसता है उर रोता है ।। बिना परिश्रम उन्नति के, जब स्वप्न कोई सजाता है । मन हंसता है उर रोता है ।। विश्वास का बिष दे करके कोई बिष लगे जो शूल चुभोता है । मन हंसता है उर रोता है ।। जब कौवे को कह दे कोई, ये कौआ नही … [Read more...]
दिल में आग नयन में पानी | Dil Mein Aag Nayan Mein Pani
दिल में आग नयन में पानी | Dil Mein Aag Nayan Mein Pani ***** दिल में आग नयन में पानी जब विनम्र अतिशय विनीत को अपने लोग कहें अभिमानी। तब दिल में आग नयन में पानी।। मैंने जिनको पाठ पढ़ाया वही सुनाते मुझे कहानी। तब दिल में आग नयन में पानी।। पाकर मेरी धरोहर जब वो बन जाते हैं राजा रानी। तब दिल में आग नयन में पानी।। पहने हैं ईमान का चोला करते हैं मुझसे बेइमानी। तब दिल में आग नयन में पानी।। मेरे बिना काम … [Read more...]
मुर्दों में ईमान नहीं आने वाला – आचार्य डा. अजय दीक्षित
मुर्दों में ईमान नहीं आने वाला (Murdo Mein Imaan Nahi Aane Wala)*****मुर्दों में ईमान नहीं आने वाला। इन्सां आलीशान नहीं आने वाला ।।अपनी नैया अपने हाथों पार करो । अब कोई भगवान नहीं आने वाला ।।इसे ढ़हा दो यह कमरा अति जर्जर है अब इसमें मेहमान नहीं आने वाला ।।एक महासागर था यारों सूख गया । अब कोई तूफ़ान नहीं आने वाला।।फूल कमल का कीचड़ में ही खिलता है । इसके लिए गुलदान नहीं आने वाला ।।" अजय" जलेगी काया … [Read more...]
रख्खो उम्मीद दिल के कोने में – आचार्य डा. अजय दीक्षित
रख्खो उम्मीद दिल के कोने में ***** रख्खो उम्मीद दिल के कोने में । वक्त मत खो ये वंदे रोने मैं ।। -- १ -- ऐसे, रिश्तों को तोड न जालिम । जन्म बीते कई संजोने में ।। -- २ -- जला दी तूने फसल पर ये नही सोचा । वक्त कितना लगा था बोने में ।। -- ३ -- तोड मत मोतियों की माला को । वर्ष बीते कई पिरोने में ।। --४ -- संजोये उम्र भर जो हैं सपने। बेच उनको न ओने - पोने में ।। -- ५ -- अगर पाने की चाह है कुछ तो । फिर … [Read more...]
Waseem Barelvi – Zindagi kitne zakham khaye hai | वसीम बरेलवी – ज़िन्दगी कितने जख़्म खाये है
Waseem Barelvi - Zindagi kitne zakham khaye hai | वसीम बरेलवी - ज़िन्दगी कितने जख़्म खाये है ***** ज़िन्दगी कितने जख़्म खाये है ज़िन्दगी कितने जख़्म खाये है फिर भी क्या शय है मुस्कुराये है उम्र-ए-एहसास रुक-सी जाये है जब भी तेरा ख़याल आये है घर तो घर, ज़ेहन भी जल उठते है आग ऐसी कोई लगाये है मैं तो गहरा कुआं हूँ ए लोगों कौन मेरे क़रीब आये है मैं तुझे भूल तो गया होता क्या करूँ याद आ ही … [Read more...]
Waseem Barelvi – Chalo ham hi pahal kar de ki ham se bad-guman kyun ho | वसीम बरेलवी – चलो हम ही पहल कर दें कि हम से बद-गुमाँ क्यूँ हो
Waseem Barelvi - Chalo ham hi pahal kar de ki ham se bad-guman kyun ho | वसीम बरेलवी - चलो हम ही पहल कर दें कि हम से बद-गुमाँ क्यूँ हो ****** चलो हम ही पहल कर दें कि हम से बद-गुमाँ क्यूँ हो चलो हम ही पहल कर दें कि हम से बद-गुमाँ क्यूँ हो कोई रिश्ता ज़रा सी ज़िद की ख़ातिर राएगाँ क्यूँ हो मैं ज़िंदा हूँ तो इस ज़िंदा-ज़मीरी की बदौलत ही जो बोले तेरे लहजे में भला मेरी ज़बाँ क्यूँ हो सवाल … [Read more...]
Waseem Barelvi – Khwab dekhun, khwab si tabeer ho sakti nahi | वसीम बरेलवी – ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नही
Waseem Barelvi - Khwab dekhun, khwab si tabeer ho sakti nahi | वसीम बरेलवी - ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नही ***** ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नही ख़्वाब देखूं, ख़्वाब-सी ताबीर हो सकती नही जो बदल जाये, मेरी तक़्दीर हो सकती नही मेरी जानिब हों निगाहें , दिल में कोइ और हो इतनी लापरवाह तेरी तसवीर हो सकती नहीं रौंदते जाते हो रिश्ते , तोडते जाते हो दिल इस तरह तो कोई भी … [Read more...]
Waseem Barelvi – Koi mausam nahi khud ko doharaayega | वसीम बरेलवी – कोई मौसम नही ख़ुद को दोहरायेगा
Waseem Barelvi - Koi mausam nahi khud ko doharaayega | वसीम बरेलवी - कोई मौसम नही ख़ुद को दोहरायेगा ****** कोई मौसम नही ख़ुद को दोहरायेगा कोई मौसम नही ख़ुद को दोहरायेगा तू गया, तो गया, फ़िर कहां आयेगा रात मेरी नही, रात तेरी नही जिसने आंखों मे काटी, वही पायेगा लोग कुछ भी कहे और मै चुप रहूं यह सलीक़ा मुझे जाने कब आयेगा कोई मंज़र भरोसे के काबिल नही तेरी आंखो का दु ख और बढ जायेगा आसमां जब … [Read more...]
Waseem Barelvi – Kaisa dariya hai ki pyaasa to na marne dega | वसीम बरेलवी – कैसा दरिया है कि प्यासा तो न मरने देगा
Waseem Barelvi - Kaisa dariya hai ki pyaasa to na marne dega | वसीम बरेलवी - कैसा दरिया है कि प्यासा तो न मरने देगा ***** कैसा दरिया है कि प्यासा तो न मरने देगा कैसा दरिया है कि प्यासा तो न मरने देगा अपनी गहराई का अंदाज़ा न करने देगा ख़ाक़-ए-पा हो के मिलो, जिससे मिलो, फिर देखो इस बुलंदी से तुम्हें कौन उतरने देगा प्यार तहज़ीब-ए-तअल्लुक़ का अजब बंधन है कोई चाहे, तो हदें पार न करने … [Read more...]