Padam Puran Story | वाल्मीकि रामायण के अनुसार लंका पर चढ़ाई करते समय भगवान श्रीराम के कहने पर वानरों और भालुओं ने रामसेतु का निर्माण किया था, ये बात हम सभी जानते हैं। लेकिन जब श्रीराम विभीषण से मिलने दोबारा लंका गए, तब उन्होंने रामसेतु का एक हिस्सा स्वयं ही तोड़ दिया था, ये बात बहुत कम लोग जानते हैं। इससे जुड़ी कथा का वर्णन पद्म पुराण के सृष्टि खंड में मिलता है। यह भी पढ़े - पद्मपुराण - सफल व्यक्ति … [Read more...]
श्रीलंका में आज भी मौजूद है रामायणकालीन ये स्थान
Places Of Ramayan in Sri Lanka | हिन्दुओं के प्रसिद्ध धार्मिक ग्रंथ रामायण का बहुत गहरा संबंध श्रीलंका से हैं। हम सब जानते है कि रावण, सीता का हरण करके लंका ही ले गया था। श्रीलंका में आज भी कुछ ऐसी जगह मौजूद है जिनका संबंध रामायण काल से माना जाता है। हम आपको यहां ऐसी 6 चीज़ों के बारे में बता रहे हैं। यह भी पढ़े - ये सबूत देखकर आप भी स्वीकार करेंगे, रामायण काल के अस्तित्व को 1. पुष्पक विमान … [Read more...]
पंचमुखी हनुमान की कहानी – जानिए पंचमुखी क्यो हुए हनुमान?
Panchmukhi Hanuman Story - लंका में महा बलशाली मेघनाद के साथ बड़ा ही भीषण युद्ध चला. अंतत: मेघनाद मारा गया। रावण जो अब तक मद में चूर था राम सेना, खास तौर पर लक्ष्मण का पराक्रम सुनकर थोड़ा तनाव में आया। रावण को कुछ दुःखी देखकर रावण की मां कैकसी ने उसके पाताल में बसे दो भाइयों अहिरावण और महिरावण की याद दिलाई। रावण को याद आया कि यह दोनों तो उसके बचपन के मित्र रहे हैं। लंका का राजा बनने के बाद … [Read more...]
आखिर कैकई ने राम को क्यों दिया वनवास – जानिए कैकई के त्याग की कहानी
एक बार युद्ध में राजा दशरथ का मुकाबला बाली से हो गया। राजा दशरथ की तीनों रानियों में से कैकयी अस्त्र-शस्त्र और रथ चालन में पारंगत थीं। इसलिए कई बार युद्ध में वह दशरथ जी के साथ होती थीं। यह भी पढ़े - जानिए श्रीराम, भरत, लक्ष्मण और शत्रुध्न के जन्म का समय, वार, तिथि, नक्षत्र जब बाली और राजा दशरथ की भिडंत हुई उस समय भी संयोग वश कैकई साथ ही थीं। बाली को तो वरदान था कि जिस पर उसकी दृष्टि पड़ … [Read more...]
वनवास के बाद सीता जी का आगमन, अश्वमेघ यज्ञ का आरम्भ तथा अश्व के पूर्व जन्म की कथा
तदनन्तर लक्ष्मण ने जाकर पुनः जानकी के चरणों में प्रणाम किया। लक्ष्मण को आया देख पुनः अपने को बुलाये जाने की बात सुनकर सीता ने कहा ---- 'लक्ष्मण ! मुझे श्री रामचंद्र जी ने त्याग दिया है अतः अब मैं कैसे चल सकती हूँ? मैं यहीं रहकर श्री राम को स्मरण किया करूँगी। यह भी पढ़े - सीता की निंदा करने वाले धोबी के पूर्व जन्म का वृत्तान्त उनकी बात सुनकर लक्ष्मण ने कहा ---- माता ! आप … [Read more...]
एक श्लोकी रामायण- इस एक मंत्र के जाप से मिलता है संपूर्ण रामायण पढ़ने का फल
Ek Shloki Ramayana : धर्म शास्त्रों के अनुसार, रामायण का पाठ करने से पुण्य मिलता है और पाप का नाश होता है, लेकिन वर्तमान समय में संपूर्ण रामायण पढ़ने का समय शायद ही किसी के पास हो। ऐसे में नीचे लिखे एक मंत्र का रोज विधि-विधान से जप करने से संपूर्ण रामायण पढ़ने का फल मिलता है। इस मंत्र को एक श्लोकी रामायण भी कहते हैं। यह भी पढ़े - रामायण की कहानियों का संग्रह यह मंत्र इस प्रकार … [Read more...]
सीता की निंदा करने वाले धोबी के पूर्व जन्म का वृत्तान्त
मिथिला नाम की नगरी में महाराज जनक राज्य करते थे। उनका नाम था सीरध्वज। एक बार वे यज्ञ के लिए पृथ्वी जोत रहे थे उस समय फाल से बनी गहरी रेखा द्वारा एक कुमारी कन्या का प्रादुर्भाव हुआ। रति से भी सुंदर कन्या को देख कर राजा को बड़ी प्रसन्नता हुई और उन्होंने उस कन्या का नाम सीता रख दिया। यह भी पढ़े - सीता का नही, छाया सीता का हरण किया था रावण ने। जानिए कौन थीं छाया सीता? परम सुंदरी सीता एक दिन … [Read more...]
क्या आप जानते हैं ? 68 करोड तीर्थ देवताओं का रूप धारण करके अयोध्या धाम का दर्शन करने तथा सरयू स्नान करने प्रतिदिन आते हैं।
श्री राम जी ने स्वयं कहा है:---- अवधपुरी सम प्रिय नहि सोऊ। यह प्रसंग जानइ कोउ कोऊ ।। यह भी पढ़े - यह है माँ गंगा के 10 मुख्य नाम, जानिए कैसे पड़े ये नाम एक बार लक्ष्मण जी ने तीर्थ यात्रा जाने के लिए श्री राम जी से प्रार्थना करने लगे । श्री राम जी ने यात्रा करने के लिए आज्ञा दे दी । आज्ञा देने के बाद श्री राम जी मुस्कराने लगे । लक्ष्मण जी ने कहा--- भगवन ! दास से कौन सी … [Read more...]
कैसे आये भगवान राम के पग तलवे में ये चार चिन्ह :–कमल_ वज्र _अंकुश _ध्वजा
बाबा तुलसी दास जी ने रामचरित्र मानस में लिखा है। "ललित अंक कुलसादिक चारी ।।" अर्थात भगवान राम के पग तलवे में चार चिन्ह अंकित हैं। १- कमल २- वज्र ३-अंकुश ४-ध्वजा। आइए जानते है कैसे आए प्रभु श्री राम के पग तलवे में ये चिन्ह - यह भी पढ़े - श्री राम और देवी सीता के 48 चरण चिन्ह १--कमल---- पूर्व कल्प में गज के पैर को ग्राह ने अपने मुख से पकड लिया। हाथी को खाना चाहता है। दर्द से हाथी कराह … [Read more...]
सीता का नही, छाया सीता का हरण किया था रावण ने। जानिए कौन थीं छाया सीता?
अदभुत रहस्य:-- बाबा तुलसी दास जी ने रामचरित्र मानस में लिखा है:----------- लक्ष्मणहुँ यह मरम ना जाना । जा कुछ चरित रचा भगवाना ।। यह भी पढ़े - माता सीता से सम्बंधित कुछ रोचक और अनसुनी बातें || राम || वेदवती नाम की एक कन्या थी जो भगवान विष्णु की तपस्या कर रही थी। रावण जबरन उसको अपनी पत्नी बनाना चाहता था। वेदवती ने योग क्रिया द्वारा अपने शरीर को भस्म कर दिया और रावण को श्राप दिया _मेरे … [Read more...]