India’s Oldest Operable Water Flour Mill at Haryana : हरियाणा में है भारत की सबसे पुरानी वर्किंग वाटर फ्लौर मिल हम से अधिकतर लोगो ने बिजली से चलने वाली आटा चक्की देखी है , कुछ पुराने लोगो ने हाथ से चलने वाली चक्की भी देखी होगी पर शायद ही हम में से किसी ने पानी से चलने वाली आटा चक्की देखी होगी।
हमारे देश में अब कुछ ही Water Flour Mill बची है,पर इनमे से एक चक्की ऐसी भी है जो कि 123साल पुरानी है। यह चक्की भारत के हरियाणा राज्य के कैथल ज़िले में है, इसका निर्माण सन 1890 में हुआ था।
इस आटा चक्की कि खासियत यह है कि इससे पिसा हुआ आटा भी एक दम ठंडा होता है। यह भारत कि सबसे पुरानी चालू Water Flour Mill है।
यह चक्की एक नहर पर बनी हुई है। जब नहर में पानी चलता है तो यह चक्की चलती है। इसके लिए नहर का पानी लोहे के बड़े – बड़े पंखों के ऊपर डाला जाता है ,जिससे कि वो घुमते है और चक्की चलती है। यहाँ पर 5 चक्कियां लगी हुई है जो कि एक घंटे में लगभग 200 kg गेंहू कि पिसाई कर देती है।
यह चक्की सिचाई विभाग के अधीन आती है जो कि उसे सालाना ठेके पर देता है। इस चक्की की एक ओर खासियत है। इस पर तुलाई करने के लिए कोई भी कंडा-बटटा नहीं रखा गया है। पूरा धंधा ईमानदारी से चलता है। जो भी व्यक्ति आटा पिसवाने के लिए आता है वह खुद ही चक्की में डालता है और अपना आटा खुद ही कटटे में डालता है। एक कट्टे की पिसाई तीस रुपए हैं।
पहले इस पनचक्की पर आटा पिसवाने के लिए क्षेत्र के काफी लोग आते थे। लेकिन अब पूंडरी, फतेहपुर, नैना, धौंस, म्यौली, फरल, मूंदड़ी, काकौत गांव के लोग आते हैं।
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