Laila Majnu ki Mazar : History in Hindi – लैला-मजनू , जिनके प्यार की मिसाल आज भी दी जाती है, का अंतिम स्मारक राजस्थान में स्तिथ है। प्रेम तथा धार्मिक आस्था की प्रतिक ‘लैला मजनूं की मज़ार’ राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले की अनूपगढ तहसील में भारत-पाकिस्तान सीमा पर बसे बिन्जौर गाँव में स्तिथ है। यह जगह पाकिस्तान से महज़ 2 किलो मीटर दूर है। कहते है लैला और मजनू ने अपने प्यार में विफल होने पर यही जान दी थी। ख़ास बात यह है की जीते-जी चाहे वो न मिल पाये लेकिन उन दोनो की मज़ारे पास पास है। हालांकि कुछ लोग इन्हे लैला मजनू की मजार न मान कर किसी अज्ञात गुरु शिष्य कि मजार मानते है।
हिन्दू और मुस्लिम दोनों की आस्था का है केंद्र :
इस जगह पर हिन्दू और मुस्लिम दोनों ही श्रद्धालु आकर सर झुकाते है। कारगिल युद्ध से पहले तक तो यह स्थान पाकिस्तानी श्रद्धालुओं के लिए भी खुला था लेकिन युद्ध के बाद सीमा पर लगे फाटक को बंद कर दिया गया। इस स्थल को मुस्लिम लैला मजनूं की मज़ार कहते हैं और हिंदू इसको लैला मजनूं की समाधि कहते हैं।
जून में लगता है मेला :
इस मज़ार पर जून के महीने में मेला भरता है। पहले यह मेला एक दिन का हुआ करता था पर अब इसे पांच दिन का कर दिया गया है। इस मेले में बड़ी संख्या में प्रेमी युगल आते हैं, प्यार की कसमें खाते हैं और हमेशा हमेशा साथ रहने की मन्नतें मांगते हैं। स्थानीय लोगों में इन दोनों मज़ारों के लिए बहुत मान्यता है और दोनों समुदाय ही इन मज़ारों को लैला मजनूं से जोड़कर देखते हैं और उनके प्रेम को नमन करते हैं। पहले इस मज़ारों के ऊपर एक छतरी थी। लेकिन ऊपर छतरी कालांतर में हटा दी गई या ढह गई। बाद में लोगों ने इनके ऊपर एक गुम्बद का निर्माण करवा दिया। एक रोचक बात यह है की सेना ने अपनी नजदीकी चौकी का नाम ही मजनू चौकी रखा है।
यही हुई थी उनकी मृत्यु :
लैला मजनू की मौत यही हुई थी यह तो सब मानते है पर लैला मजनूं की मौत कैसे हुई इसके बारे में कई मत है । कुछ लोगों का मानना है कि लैला के भाई को जब दोनों के इश्क का पता चला तो उसे बर्दाश्त नहीं हुआ और आखिर उसने निर्ममता से मजनूं की हत्या कर दी। लैला को जब इस बात का पता चला तो वह मजनूं के शव के पास पहुंची और वहीं उसने खुदकुशी करके अपनी जान दे दी। कुछ लोगों का मत है कि घर से भाग कर दर दर भटकने के बाद वे यहां तक पहुंचे और प्यास से उन दोनों की मौत हो गई। कुछ लोग यह भी मानते हैं कि अपने परिवार वालों और समाज से दुखी होकर उन्होंने एक साथ जान दे देने का फैसला कर लिया था और आत्महत्या कर ली।
Other similar Post :
- Naugaja Peer ( नौगजा पीर ) :- जहा चढ़ावे में चढ़ती है घड़ियाँ
- न्यू लकी रेस्टोरेंट – अहमदाबाद – कब्रों के बीच बना अनोखा रेस्टोरेंट
- मूसाबाग – लखनऊ – यहाँ पर है एक ईसाई अंग्रेज सैनिक कि मजार, भक्त है हिन्दु और मुस्लिम, चढ़ाते है सिगरेट
- बावनी इमली शहीद स्मारक – फतेहपुर – एक इमली का पेड़ जिस पर अंग्रेजो ने 52 क्रांतिकारियों को एक साथ लटकाया था फांसी पर
- गुलाबी मस्जिद – ईरान – सूरज की पहली किरण पड़ते ही अंदर होता है जन्नत का नज़ारा
Hindi, Story, History, Kahani, Itihas, Laila Majnu ki mazar, Tomb, Binjaur, Anupgarh, Rajasthan
Ashish says
Insan ko apna Kam karna chahia or God pe believe karke aage badhna chahia, Ek bat or God usi ki help karta hai jo us sachchi Lagan se mehanat karta hai.
sajan ali says
This is very nice too mach