Ahmad Faraz (अहमद फ़राज़)
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Khudkushi
Wo paimaan bhi tute jinko
Hum samjhe the paainda
Wo shamaye bhi daag hai jinko
Barso rakha taabinda
Dono wafa karke naakhush hain
Dono kiye par sharminda
Pyaar se pyaara jeevan pyaare
Kya maazi kya aainda
Hum dono apne qaatil hain
Hum dono ab tak zinda
Ahmad Faraz
<—–Jab teri yaad ke jugnu chamke Jo chal sako to koi aisi chaal chal jana—->
Collection of Ghazals and Lyrics of Ahmad Faraz
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ख़ुदकुशी*
वो पैमान* भी टूटे जिनको
हम समझे थे पाइंदा*
वो शम्एं भी दाग हैं जिनको
बरसों रक्खा ताबिंदा*
दोनों वफ़ा करके नाख़ुश हैं
दोनों किए पर शर्मिन्दा
प्यार से प्यारा जीवन प्यारे
क्या माज़ी* क्या आइंदा*
हम दोनों अपने क़ातिल हैं
हम दोनों अब तक ज़िन्दा।
ख़ुदकुशी = आत्महत्या
पैमान = वचन
पाइंदा = अनश्वर
ताबिंदा = प्रकाशमान
माज़ी = अतीत
आइंदा = भविष्यकाल
अहमद फ़राज़
<—–जब तेरी याद के जुगनू चमके जो चल सको तो कोई ऐसी चाल चल जाना—>
अहमद फ़राज़ की ग़ज़लों और गीतों का संग्रह
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