Jigar Moradabadi (जिगर मुरादाबादी)
Great Shayari of Jigar Moradabadi Part – 8
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71
कूचा-ए-इश्क़ में निकल आया
जिस को ख़ाना-ख़राब होना था
(कूचा-ए-इश्क़ = प्यार की गली; ख़ाना-ख़राब = बर्बाद)
Kucha-e-ishq mein nikal aaya
Jis ko khaana-kharaab hona tha
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72
कुछ खटकता तो है पहलू में मिरे रह रह कर
अब ख़ुदा जाने तिरी याद है या दिल मेरा
Kuchh khatakta to hai pehalu mein mire rah rah kar
Ab khuda jaane tiri yaad hai ya dil mera
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73
कभी उन मद-भरी आँखों से पिया था इक जाम
आज तक होश नहीं होश नहीं होश नहीं
Kabhi un mad bhari aankhon se piya tha ik jaam
Aaj tak hosh nahin hosh nahin hosh nahin
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74
कमाल-ए-तिश्नगी ही से बुझा लेते हैं प्यास अपनी
इसी तपते हुए सहरा को हम दरिया समझते हैं
Kamaal-e-tishnagi hi se bujha lete hain pyaas apni
Isi tapte hue sahara ko ham dariya samjhte hain
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75
क्या बताऊँ किस क़दर ज़ंजीर-ए-पा साबित हुए
चंद तिनके जिन को अपना आशियाँ समझा था मैं
(ज़ंजीर-ए-पा = पैरों की ज़ंज़ीर)
Kya bataaun kis qadar zanzeer-e-pa saabit hue
Chand tinke jinko apna aashiyaan samjha tha main
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76
किधर से बर्क़ चमकती है देखें ऐ वाइज़
मैं अपना जाम उठाता हूँ तू किताब उठा
(बर्क़ = बिजली, चमक; वाइज़ = उपदेशक)
Kidhar se barq chamakti hai dekhen e waaiz
Main apne jaam uthaata hun tu kitaab utha
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77
क्या हुस्न ने समझा है क्या इश्क़ ने जाना है
हम ख़ाक-नशीनों की ठोकर में ज़माना है
(ख़ाक-नशीनों = धुल में बैठने वालो)
Kya husn ne samjha hai kya ishq ne jaana hai
Ham khaak-nasheenon ki thokar mein jamaana hai
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78
गुदाज़-ए-इश्क़ नहीं कम जो मैं जवाँ न रहा
वही है आग मगर आग में धुआँ न रहा
(गुदाज़-ए-इश्क़ = प्यार की विनर्मता, प्यार की तीर्वता)
Gudaaz-e-ishq nahin kam jo main jawaan na raha
Wahi hai aag magar aag mein dhuaan na raha
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79
गुनाहगार के दिल से न बच के चल ज़ाहिद
यहीं कहीं तिरी जन्नत भी पाई जाती है
(ज़ाहिद = धार्मिक व्यक्ति)
Gunaahgaar ke dil se na bach ke chal zaahid
Yahin kahin tiri jannat bhi paai jaati hai
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80
ग़र्क़ कर दे तुझ को ज़ाहिद तेरी दुनिया को ख़राब
कम से कम इतनी तो हर मय-कश के पैमाने में है
(ग़र्क़ = डुबोना; ज़ाहिद = धार्मिक व्यक्ति; मय-कश = शराबी)
Gark kar de tujh ko zaahid teri duniya ko kharaab
Kam se kam itani to har may-kash ke paimane mein hai
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