सभी लोगों के लिए कुछ न कुछ खास बात या चीज होती है जिससे उन्हें खुशी प्राप्त होती है। इस संबंध में आचार्य चाणक्य ने भी एक नीति कही है।
आचार्य चाणक्य कहते है कि-
तुष्ट होत भोजन किये, ब्राह्मण लखि घन मोर।
पर संपत्ति लखि साधु जन, खल लखि दुख घोर।।
किसी भी ब्राह्मण को यदि स्वादिष्ट भोजन मिल जाए तो वह खुश हो जाता है। मोर बादलों की गरज से खुश होते हैं। सज्जन लोग दूसरों के सुख को देखकर सुखी होते हैं। जबकि बुरे स्वभाव वाले लोग दूसरों के दुख को देखकर प्रसन्न होते हैं।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि किसी भी ब्राह्मण को यदि स्वादिष्ट पकवान मिल जाए तो उसे बड़ी प्रसन्नता होती है। इन्हें तृप्त करने का यही एक सरल मार्ग है। जब भी बादल गजरते हैं, बारिश का वातावरण बनता है तो मोर नाचने लगते हैं, प्रसन्न हो जाते हैं। जिन लोगों का स्वभाव अच्छा होता है, जो सपने में भी किसी का बुरा नहीं सोचते हैं वे दूसरों की खुशी, अन्य लोगों के सुख को देखकर ही प्रसन्न हो जाते हैं। इन लोगों को स्वयं के सुख से इतना सुख नहीं मिलता जितना दूसरों को खुश देखकर सुख प्राप्त होता है।
आचार्य कहते हैं जो भी नीच स्वभाव, दुर्जन लोग होते हैं वे दूसरों को मुसीबत में देखकर ही प्रसन्न होते हैं। इनसे दूसरों की खुशी नहीं देखी जाती, हमेशा अन्य लोगों के साथ बुरा हो, यही प्रयास करते रहते हैं।
कौन थे आचार्य चाणक्य
भारत के इतिहास में आचार्य चाणक्य का महत्वपूर्ण स्थान है। एक समय जब भारत छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित था और विदेशी शासक सिकंदर भारत पर आक्रमण करने के लिए भारतीय सीमा तक आ पहुंचा था, तब चाणक्य ने अपनी नीतियों से भारत की रक्षा की थी। चाणक्य ने अपने प्रयासों और अपनी नीतियों के बल पर एक सामान्य बालक चंद्रगुप्त को भारत का सम्राट बनाया जो आगे चलकर चंद्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुए और अखंड भारत का निर्माण किया।
चाणक्य के काल में पाटलीपुत्र (वर्तमान में पटना) बहुत शक्तिशाली राज्य मगध की राजधानी था। उस समय नंदवंश का साम्राज्य था और राजा था धनानंद। कुछ लोग इस राजा का नाम महानंद भी बताते हैं। एक बार महानंद ने भरी सभा में चाणक्य का अपमान किया था और इसी अपमान का प्रतिशोध लेने के लिए आचार्य ने चंद्रगुप्त को युद्धकला में पारंपत किया। चंद्रगुप्त की मदद से चाणक्य ने मगध पर आक्रमण किया और महानंद को पराजित किया।
आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं। जो भी व्यक्ति नीतियों का पालन करता है, उसे जीवन में सभी सुख-सुविधाएं और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
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