48 Charan Chinh of Lord Shri Ram and Devi Sita : श्रीरामचरितमानस में गोस्वामी तुलसीदासजी ने मुख्य रूप से श्रीराम के पैर के 4 ही चिन्हों का वर्णन किया है- ध्वज, वज्र, अंकुश, कमल , किंतु अन्य पवित्र ग्रंथों को मिलाकर देखा जाए तो 48 पवित्र चिन्ह मिलते हैं। दक्षिण पैर में 24 चिन्ह और वाम पैर में 24 चिन्ह ।
दिलचस्प तथ्य यह भी है कि जो चिन्ह श्रीराम के दक्षिण पैर में हैं वे भगवती सीता के वाम पैर में हैं। और जो चिन्ह राम जी के वाम पैर में हैं वे सीता जी के दक्षिण पैर में हैं। और अदभुत रहस्य यह है कि श्री राम जी के उदर पे नाभि के पास तीन रेखायें हैं जिन्हें त्रिवेली कहते हैं। वही तीन रेखायें (त्रिवेली) सीता जी की पीठ पर हैं।
दोहा— रेखा त्रय सुन्दर उदर नाभी रूचिर गंभीर ।
श्रीराम जी के दक्षिण पैर के शुभ चिन्ह –
ऊर्ध्व रेखा, स्वस्तिक , अष्टकोण, श्री लक्षमीजी,हल,मूसल , सर्प, शर, अम्बर,कमल, रथ, बज्र, यव, कल्पवृक्ष, अंकुश, ध्वजा, मुकुट, चक्र, सिंहासन, यमदंड, चामर, छत्र, नर (पुरूष), जयमाला
श्रीरामजी के वाम पैर के शुभ चिन्ह –
सरयू, गोपद, भूमि-पृथ्वी, कलश, पताका, जम्बूफल, अर्ध चन्द्र, शंख, षट्कोण, त्रिकोण, गदा, जीवात्मा, बिन्दु
शक्ति, सुधाकुण्ड, त्रिवली, मीन-ध्वज, पूर्ण चन्द्रमा, वीणा, वंशी-वेणु, धनुष, तुणीर, हंस, चंद्रिका
आचार्य, डा.अजय दीक्षित
डा. अजय दीक्षित जी द्वारा लिखे सभी लेख आप नीचे TAG में Dr. Ajay Dixit पर क्लिक करके पढ़ सकते है।
भारत के मंदिरों के बारे में यहाँ पढ़े – भारत के अदभुत मंदिर
सम्पूर्ण पौराणिक कहानियाँ यहाँ पढ़े – पौराणिक कथाओं का विशाल संग्रह
अन्य सम्बंधित लेख-
- अदभुत रहस्य – बारह घन्टे के हनुमान ने किया था सूर्य का भक्षण
- कथा – रहस्यमई “चूडामणि” का अदभुत रहस्य “
- इन 6 लोगों के श्राप के कारण हुआ था रावण का सर्वनाशक
- रामायण कथा- आखिर क्यों दिया राम ने लक्ष्मण को मृत्युदंड?
- वाल्मीकि रामायण की कुछ रोचक और अनसुनी बातें
48 Charan Chinh of Lord Shri Ram and Devi Sita
Join the Discussion!