Why Prostitute Land Soil for Durga Idol: पश्चिम बंगाल से शुरू हुआ दुर्गापूजा का उत्सव अब सम्पूर्ण भारत में धूम धाम से बनाया जाता है। दुर्गापूजा के लिए बनाई जाने वाली माता दुर्गा की मूर्तियों को लेकर एक खास तरह की मान्यता है। इस मान्यता के अनुसार इन मूर्तियों को बनाने के लिए रेडलाइट एरिया से मिट्टी लाई जाती है।
यह भी पढ़े- एकादशी के दिन चावल और चावल से बनी चीजें क्यों नहीं खानी चाहिए?
मूर्ति बनाने वाले कलाकारों का कहना है कि परंपरा के मुताबिक रेडलाइट एरिया की मिट्टी को जब तक मूर्ति में इस्तेमाल नहीं किया जाता तब तक वह पूर्ण नहीं मानी जाती। हालांकि पहले कारीगर या फिर मूर्ति बनवाने वाले सेक्स वर्कर्स के घरों से भिखारी बनकर मिट्टी मांग कर लाते थे, लेकिन अब इसका कारोबार होने लगा है।
आइए जानते है आखिर ऐसी मान्यता क्यों है-
सेक्स वर्कर के घर के बाहर की मिट्टी इस्तेमाल करने के पीछे मान्यता यह है कि जब कोई व्यक्ति ऐसी जगह पर जाता है तो उसकी सारी अच्छाइयां बाहर रह जाती हैं। उसी बाहर की मिट्टी को मूर्ति में लगाया जाता है।
एक अन्य मान्यता बारे कहा जाता है कि नारी ‘शक्ति’ है और अगर वह कहीं गलत है तो उसके पीछे समाज और वक्त की खामियां रही होंगी। इसलिए उन्हें सम्मान देने के लिए ऐसा किया जाता है।
एक और मान्यता है कि दुर्गा मां ने अपनी भक्त वेश्या को वरदान दिया था कि तुम्हारे हाथ से दी हुई गंगा की चिकनी मिट्टी से ही प्रतिमा बनेगी। उन्होंने उस भक्त को सामाजिक तिरस्कार से बचाने के लिए ऐसा किया।
अब मिट्टी का होता है कारोबार
पहले दुर्गापूजा मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल में मनाया जाता था, लेकिन अब यह पूरे देश में मनाया जाने लगा है। सोनागाछी पश्चिम बंगाल का सबसे बड़ा रेडलाइट एरिया है और अधिकतर जगह मूर्तियों में सोनागाछी की मिट्टी का इस्तेमाल होता है। एक मूर्ति के सेट में माता दुर्गा, शेर, भैंसा और राक्षस एक प्लेटफॉर्म पर तैयार किए जाते हैं, जबकि मां सरस्वती, लक्ष्मी माता, श्री गणेश और कार्तिकेय की मूर्तियां इसके साथ होती हैं। पहले तो कारीगर या फिर मूर्ति बनवाने वाले सेक्स वर्कर्स के घरों से भिखारी बनकर मिट्टी मांग कर लाते थे, लेकिन अब इसका कारोबार होने लगा है। इस मिट्टी की कीमत 300 से 500 रुपए बोरी तक पहुंच गई है।
Other Similar Posts-
- एकादशी के दिन वर्जित है ये 11 काम
- जानिए गीले कपड़ों में क्यों करनी चाहिए धार्मिक स्थलों की परिक्रमा
- इस कारण स्त्रियां कभी नहीं फोड़ती है नारियल
- खंडित शिवलिंग की पूजा हो सकती है पर खंडित शिव मूर्ति की नहीं, जाने क्यों ?
- सात पौराणिक पात्र जो आज भी है जीवित
Join the Discussion!