Labh Panchami Saubhagya Panchami Pujan Vidhi in Hindi , Labh Pancham 2019 – 1 November| कार्तिक शुक्ल पंचमी को लाभ पंचमी मनाई जाती है। इसे सौभाग्य पंचमी, सौभाग्य लाभ पंचमी या लाभ पंचम भी कहते है। यह पर्व मुख्यतः गुजरात में मनाया जाता है। जहाँ भारत के बाकी हिस्सों में भाई दूज के साथ ही दिवाली का समापन हो जाता है वही गुजरात में दिवाली का समापन लाभ पंचमी की पूजा के साथ होता है। यह त्योहार व्यापारियों और व्यवसायियों के लिए बेहद शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि इस दिन ईश्वर की आराधना से व्यवसायियों और उनके परिवारवालों के जीवन में फायदा और अच्छी किस्मत आती है।
गुजरात में सभी व्यापारी अपना व्यापार लाभ पंचमी के दिन से ही शुरू करते हैं। खास बात यह कि दिवाली के अगले दिन ही गुजराती नववर्ष मनाया जाता है। इस दिन से सभी लोग 4 दिनों की छुट्टी पर चले जाते हैं और लाभ पंचमी के दिन से दोबारा काम-काज शुरू करते हैं। इसके अलावा नया बही-खाता भी बनाया जाता है जिसकी बाईं ओर शुभ और दाईं ओर लाभ लिखा जाता है। इसके बाद पहले पन्ने के बीच में स्वास्तिक का चित्र बनाकर काम-काज प्रारंभ किया जाता है।
लाभ पंचमी (सौभाग्य पंचमी) पूजन विधि | Labh Panchami Saubhagya Pancham Pujan Vidhi
लाभ पंचमी पूजन के दिन प्रात: काल स्नान इत्यादि से निवृत होकर सूर्य को जलाभिषेक करने की परंपरा है। फिर शुभ मुहूर्त में विग्रह में भगवान शिव व गणेश जी की प्रतिमाओं को स्थापित की जाती है। श्री गणेश जी को सुपारी पर मौली लपेटकर चावल के अष्टदल पर विराजित किया जाता है। भगवान गणेश जी को चंदन, सिंदूर, अक्षत, फूल, दूर्वा से पूजना चाहिए तथा भगवान आशुतोष को भस्म, बिल्वपत्र, धतुरा, सफेद वस्त्र अर्पित कर पूजन किया जाता है और उसके बाद गणेश को मोदक व शिव को दूध के सफेद पकवानों का भोग लगाया जाता है।
निम्न मंत्रों से श्री गणेश व शिव का स्मरण व जाप करना चाहिए।
गणेश मंत्र – लम्बोदरं महाकायं गजवक्त्रं चतुर्भुजम्। आवाहयाम्यहं देवं गणेशं सिद्धिदायकम्।।
शिव मंत्र – त्रिनेत्राय नमस्तुभ्यं उमादेहार्धधारिणे। त्रिशूलधारिणे तुभ्यं भूतानां पतये नम:।।
इसके पश्चात मंत्र स्मरण के बाद भगवान गणेश व शिव की धूप, दीप व आरती करनी चाहिए। द्वार के दोनों ओर स्वस्तिक का निर्माण करें तथा भगवान को अर्पित प्रसाद समस्त लोगों में वितरित करें व स्वयं भी ग्रहण करें।
सौभगय पंचमी के अवसर पर मंदिरों में विषेष पूजा अर्चना की जाती है गणेश मंदिरों में विशेष धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होते हैं। लाभ पंचमी के अवसर पर घरों में भी प्रथम आराध्य देव गजानंद गणपति का आह्वान किया जाता है। भगवान गणेश की विधिवत पूजा अर्चना की और घर परिवार में सुख समृद्धि की मंगल कामना की जाती है। इस अवसर पर गणपति मंदिरों में भगवान गणेश की मनमोहक झांकी सजाई जाती है जिसे देखने के लिए दिनभर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती हैं। रात को भजन संध्या का आयोजन होता है।
लाभ पंचमी (सौभाग्य पंचमी) महत्व | Importance of Labh Panchami Saubhagya Pancham
लाभ पंचमी के शुभ अवसर पर विशेष मंत्र जाप द्वारा भगवान श्री गणेश का आवाहन करते हैं जिससे शुभ फलों की प्राप्ति संभव हो पाती है। कार्यक्षेत्र, नौकरी और कारोबार में समृद्धि की कामना की पूर्ति होती है। इस दिन गणेश के साथ भगवान शिव का स्मरण शुभफलदायी होता है। सुख-सौभाग्य और मंगल कामना को लेकर किया जाने वाला सौभगय पंचमी का व्रत सभी की इच्छाओं को पूर्ण करता है। इस दिन भगवान के दर्शन व पूजा कर व्रत कथा का श्रवण करते हैं।
अन्य सम्बंधित लेख-
- इन चीज़ों का भोग लगाने पर देवी-देवता होते है जल्दी प्रसन्न
- नृसिंह चतुर्दशी : व्रत पूजन विधि और कथा
- क्यों करें पीपल वृक्ष का पूजन और किन बातों का रखे ध्यान
- महाशिवरात्रि व्रत पूजन विधि
Join the Discussion!