Varah Puran Ke Anusar Puja Ke Niyam | रोज की पूजापाठ में क्या किया जाना चाहिए क्या नहीं, इसके कई नियम हैं। लगभग सभी शास्त्रों ने कहीं ना कहीं इस बात को बताया भी है कि क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए, कौन सी सावधानियां पूजन करते समय रखनी चाहिए। भगवान वराह ने वराहपुराण में पूजा के समय निषेध कामों के बारे में बताया है। इस पुराण में वराह भगवान ने पूजा से जुड़े ऐसे ही दस काम बताए हैं।
पूजा के समय नीले और काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए। साथ ही ऐसे और भी काम हैं, जो भी पूजा के समय ये करता है, उन्हें पूजा करने पर भी पाप का हिस्सेदार बनना पड़ता है। वराह भगवान विष्णु के दशावतार में तीसरे अवतार हैं। इस अवतार में भगवान ने हिरण्याक्ष नाम के राक्षस को मारने के लिए अवतार लिया था। इसमें भगवान ने शुकर (सुअर) के मुंह के साथ अवतार लिया था।
आइए जानते हैं ऐसे कामों के बारे में भगवान की सेवा के समय कभी नहीं करने चाहिए।
1. अपराध करके धन कमाकर मेरी सेवा या उपासना करता है। वह पूजा नहीं, अपराध करता है।
2. पूजा के दौरान कोई नीले या काले कपड़े पहनता है तो वो पूजा नहीं है।
3. जो किसी शव को स्पर्श करके बिना स्नान किए पूजा करता है। वह पूजा भी मुझे स्वीकार्य नहीं है।
4. जो संभोग करके बिना स्नान किए मेरा पूजन करता है। यह भी एक अपराध है।
5. कोई गुस्सा करके मेरी उपासना करता है तो ऐसी पूजा भी स्वीकार नहीं होती है।
6. अंधेरे में भगवान की मूर्ति या तस्वीर को स्पर्श करना या पूजा करना दोनों ही भागवत अपराध है।
7. घंटी-शंख आदि की आवाज किए बिना पूजा करता है। वह भी मुझे स्वीकार्य नहीं है।
8. जो पूजा से पहले या बाद बेमतलब की बातें करता है तो उस पूजा को मैं स्वीकार नहीं करता हूं।
9. कुछ भी खाकर बिना कुल्ला किए जो भी पूजा करता है उसकी पूजा स्वीकार नहीं होती।
10. जो दीपक का स्पर्श करके बिना हाथ धोए मेरी उपासना करता है। मैं उसकी पूजा को स्वीकार नहीं करता हूं।
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