Osho Love Quotes In Hindi | Osho Quotes On Love In Hindi | प्रेम एक ऐसी अनूभूति है, जिसे शब्दों में व्यक्त कर पाना बहुत मुश्किल है, इसे सिर्फ महसूस किया जा सकता है। विश्व प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु ओशो ने प्रेम के बारे में बहुत सी ऐसी बातें बताई हैं, जो हर प्रेमी को जाननी चाहिए। यहां जानिए प्रेम पर ओशो के अनमोल विचार…
1. ये कोई मायने नहीं रखता है कि आप किसे प्यार करते हैं, कहां प्यार करते हैं, क्यों प्यार करते हैं, कब प्यार करते हैं, कैसे प्यार करते हैं और किस लिए प्यार करते हैं, मायने सिर्फ यही रखता है कि आप केवल प्यार करते हैं।
2. प्यार तभी सच्चा होता है, जब कोई एक दूसरे के व्यक्तिगत मामलों में दखल न दें। प्यार में दोनों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए।
3. प्यार एक पक्षी है, जिसे आज़ाद रहना पसंद है। जिसे बढ़ने के लिए पूरे आकाश की जरूरत होती है।
4. इस दुनिया में दोस्ती ही सच्चा प्यार है। दोस्ती का भाव प्यार का सर्वोच्च रूप है, जहां कुछ भी मांगा नहीं जाता, कोई शर्त नहीं होती, जहां बस दिया जाता है।
5. अगर आप प्यार से रहते हैं, प्यार के साथ रहते हैं तो आप एक महान जिंदगी जी रहे हैं, क्योंकि प्यार ही जिंदगी को महान बनाता है।
6. प्यार की सर्वश्रेष्ठ सीमा आज़ादी है, पूरी आज़ादी। किसी भी रिश्ते के खत्म होने का मुख्य कारण आज़ादी का न होना ही है।
7. प्यार एक शराब है, आपको उसका स्वाद लेना चाहिए। उसे पीना चाहिए। उसमें पूरी तरह से डूब जाना चाहिए। तभी आपको पता चल पाएगा कि प्यार क्या है।
8. दोस्ती ही सबसे निर्मल प्यार है। प्यार करने का ये सबसे ऊंचा स्तर है, जहां किसी भी परिस्थिति के लिए किसी से नहीं पूछा जाता, सिर्फ और सिर्फ एक दूसरे को खुशी दी जाती है।
9. जब भी आप प्यार की योजना बनाते हैं और जब भी आपका ध्यान पूरी तरह से उसमें शामिल हो जाता है, तब ये झूठा और पाखंडी बन जाता है।
10. एक बार जब मैं यात्रा कर रहा था तभी किसी ने मुझसे पूछा की इंसानी शब्दकोश में सबसे महत्वपूर्ण शब्द कौन सा है। मैंने नम्रता से जवाब दिया, प्यार।
11. प्रेम में सवाल ये नहीं है कि कितना सीखा जा सकता है। सवाल ये है कि कितना भुलाया जा सकता है।
12. मनुष्य की भाषा में प्रेम से बड़ा कोई शब्द नहीं। उस एक शब्द को जिसने जान लिया, उसने सब जान लिया।
13. जो प्रेम में रोया न हो, जिसने प्रेम का विरह जाना न हो, उसे तो प्रार्थना की और इंगित भी नहीं किया जा सकता। इसलिए मैं प्रेम का पक्षपाती हूँ, प्रेम का उपदेष्टा हूँ। कहता हूँ की खूब प्रेम करो, क्योंकि प्रेम का निचोड़ एक दिन प्रार्थाना बनेगा। प्रेम के हज़ारों फूलों को निचोड़ोगे तब कही प्रार्थना की एक बूँद एक इत्र की बूँद बनेगी।
14. आप जितने लोगों को चाहे उतने लोगों को प्रेम कर सकते हैं- इसका ये मतलब नहीं है कि आप एक दिन दिवालिया हो जाएंगे, और कहेंगे, ” अब मेरे पास प्रेम नहीं हैं।” जहाँ तक प्रेम का सवाल है आप दिवालिया नहीं हो सकते।
15. यह प्यार में ही देखा कमाल, जिसने कुछ खोया उसी ने कुछ पाया।
16. प्रेम की कोई भाषा नहीं होती, प्रेम का फूल मौन में खिलता हैं। प्रेम संगीत है, प्रेम अंतर्नाद है, प्रेम ही अनाहद नाद है।
17. पुरुष जितना प्रेम शब्दों में प्रकट करेगा उससे कई गुना ज्यादा स्त्री मौन में प्रकट कर देगी।
18. उत्सव मेरा धर्म है, प्रेम मेरा सन्देश है, और मौन मेरा सत्य है।
19. जब प्यार और नफरत दोनों ही ना हो तो हर चीज़ साफ़ और स्पष्ट हो जाती हैं।
20. प्यार में दूसरे महत्वपूर्ण होते हैं, वासना में आप महत्वपूर्ण होते हैं।
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