Alsi In Hindi | Flexseed In Hindi – अलसी के बीज छोटे ऑयल सीड्स हैं जो मध्य पूर्व से उत्पन्न हुए हैं। अलसी में भारी मात्रा में पोष्टिक आहार पाए जाते हैं जिस कारण से यह काफी पॉपुलर हैं। अलसी में ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर आदि पाए जाते हैं। शाकाहारी लोगों के लिए अलसी के माध्यम ओमेगा-3 फैटी एसिड लेने का आधार अच्छा है।
अलसी क्या होती है?
अलसी समशीतोष्ण प्रदेश (जहां सर्दी और गर्मी समान मात्रा में हो) में उगने वाला एक रेशेदार पौधा है। इसके रेशों को डोरी, रस्सी, टांट और मोटे कपड़े बनाने के लिए उपयोग में लाया जाता है। वहीं, इसके बीजों को तेल निकालने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसका तेल काफी गाढ़ा होता है। इसलिए, यह तेल मुख्य रूप से वार्निश, रंग, साबुन और पेंट बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। भारत, अर्जेंटीना और अमेरिका में खासतौर पर अलसी के बीजों की पैदावार की जाती है।
अलसी का दूसरा नाम तीसी है। यह एक जड़ी-बूटी है, जिसका इस्तेमाल औषधि के रूप में भी किया जाता है। स्थानों की प्रकृति के अनुसार, तीसी के बीजों के रंग-रूप, और आकार में भी अंतर पाया जाता है। देश भर में तीसी के बीज सफेद, पीले, लाल, या थोड़े काले रंग के होते हैं। गर्म प्रदेशों की तीसी सबसे अच्छी मानी जाती है। आमतौर पर लोग तीसी के बीज, तेल को उपयोग में लाते हैं। तीसी के प्रयोग से सांस, गला, कंठ, कफ, पाचनतंत्र विकार सहित घाव, कुष्ठ आदि रोगों में लाभ लिया जा सकता है।
अन्य भाषाओं में अलसी के नाम (Name of Flax Seeds in Different Languages)-
अलसी का वानस्पतिक नाम लाइनम यूसीटैटीसिमम (Linum usitatissimum L., Syn-Linum humile Mill., है, और यह लाइनेसी (Linaceae) कुल की है। दुनिया भर में अलसी को कई नामों से जाना जाता है, जो ये हैंः-
भाषा (Languages) | नाम (Name) |
Hindi हिंदी | तीसी, अलसी |
Urdu उर्दू | अलसी (Alasi) |
English अंग्रेजी | लिनसीड (Linseed), फ्लैक्स प्लान्ट (Flax plant), कॉमन फ्लैक्स (Common flax) |
Sanskrit संस्कृत | अतसी, नीलपुष्पी, नीलपुष्पिका, उमा, क्षुमा, मसरीना, पार्वती, क्षौमी |
Oriya ओड़िया | पेसू (Pesu) |
Uttarakhand उत्तराखंड | अलसी (Alsi) |
Kannada कन्नड़ | अगसीबीज (Agasebeej) सेमीअगासे (Semeagase), अलशी (Alashi) |
Konkani कोंकणी | सोन्नबीअम (Sonnbiam) |
Gujarati गुजराती | अलशी (Alshi) |
Tamil तमिल | अलिविराई (Alivirai), अलसीविराई (Alshivirai) |
Telugu तेलगु | अविसि (Avisi), उल्लुसुलू (Ullusulu), मदनजिन्जालु (Madanginjalu) |
Bengali बंगाली | तिसी (Tisi), मसीना (Masina), असिना (Asina) |
Punjabi पंजाबी | अलीश (Alish), अलसी (Alasi), अताशी (Atashi) |
Marathi मराठी | जवस (Javas), अलशी (Alashi) |
Malayalam मलयालम | अगासी (Agashi), चार्म (Charm), चेरुकाना (Cherucana), अकासी (Akasi) |
Nepali नेपाली | अलसी (Alasi) |
Arabic अरबी | केट्टन (Kettan), बाजरुलकटन (Bazrulkattan) |
Persian फ़ारसी | तुख्म-ए-कटन (Tukhm-e-kattan) |
अलसी की खेती –
अलसी (aglasem) की खेती पूरे भारत में की जाती है। भारत में अलसी की खेती शरद ऋतु की फसल के साथ की जाती है। हिमाचल प्रदेश में भी 1800 मीटर की ऊंचाई तक तीसी बोई जाती है।
अलसी के औषधीय गुण – Medicinal Properties of Flax Seeds in Hindi
अलसी में मौजूद औषधीय गुणों के कारण ही इसे आयुर्वेद में एक उत्तम औषधि के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आइये, इसमें मौजूद कुछ अहम औषधीय गुणों पर एक नजर डाल लें, जो कुछ इस प्रकार हैं –
एंटीफंगल (फंगल इन्फेक्शन को खत्म करने वाला)
एंटीऑक्सीडेंट (मुक्त कणों के प्रभाव को कम करने वाला)
एंटीहाइपरटेन्सिव (बढ़े हुए बल्ड प्रेशर को कम करने वाला)
कोलेस्ट्रॉल लोवेरिंग इफेक्ट (कोलेस्ट्रोल को कम करने वाला)
एंटीडायबिटिक (ब्लड शुगर को कम करने वाला)
एंटीथ्रोम्बिक (खून के थक्के जमने की प्रक्रिया को धीमा करने वाला)
एंटीट्यूमर (बढ़ते हुए ट्यूमर की रोकथाम करने वाला)
अलसी के प्रकार –
अलसी के मुख्य दो प्रकार हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इन दोनों प्रकार में ओमेगा-3 फैटी एसिड के साथ ही पोषक तत्वों की मौजूदगी करीब-करीब समान ही होती है।
- भूरी अलसी
- पीली या सुनहरी अलसी
अलसी के पौष्टिक तत्व –
अलसी में बहुत सारे पौषक तत्व पाए जाते है आइये जानते है अलसी के पौषक तत्वों के बारे में –
पोषक तत्व मात्रा प्रति 100 ग्राम |
पानी 6.96gm Advertisements123 |
एनर्जी 534 Kcal |
टोटल लिपिड (फैट) 42.16gm |
कार्बोहाइड्रेट 28.88gm Advertisements123 |
प्रोटीन 18.29gm |
फाइबर (टोटल डायट्री) 27.3gm |
शुगर 1.55gm |
मिनरल Advertisements123 |
कैल्शियम 255mg |
आयरन 5.73mg |
मैग्नीशियम 392mg Advertisements123 |
फास्फोरस 642mg |
पोटेशियम 813mg |
सोडियम 30mg |
जिंक 4.34mg Advertisements123 |
मैगनीज 2.482mg |
सेलेनियम 25.4 µg |
कॉपर 1.22mg Advertisements123 |
विटामिन |
विटामिन-C 0.6 mg |
थियामिन 1.644 mg Advertisements123 |
राइबोफ्लेविन 0.161 mg |
नियासिन 3.08 mg |
विटामिन -B6 0.473 mg |
फोलेट (डीएफई) 87 µg Advertisements123 |
विटामिन-E 0.31mg |
विटामिन-K 4.3 µg |
लिपिड |
फैटी एसिड (सैचुरेटेड 3.663gm Advertisements123 |
फैटी एसिड (मोनोअनसैचुरेटेड) 7.527gm |
फैटी एसिड (पॉलीसैचुरेटेड) 28.73gm |
अलसी (Alsi) के FAQ –
1. क्या अलसी के विकल्प के तौर पर चिया बीज को इस्तेमाल किया जा सकता है?
अलसी और चिया बीज में मौजूद अधिकतर पोषक तत्व करीब-करीब बराबर ही होते हैं । इस आधार पर यह कह सकते हैं कि अलसी के विकल्प के तौर पर चिया बीज को कुछ हद तक इस्तेमाल में लाया जा सकता है।
2. अलसी कहां से खरीद सकते हैं?
आप किसी भी नजदीकी किराने की दुकान से अलसी खरीद सकते हैं। आप चाहें, तो इन्हें खरीदने के लिए ऑनलाइन भी ऑर्डर कर सकते हैं।
3. क्या कच्ची अलसी खाई जा सकती है?
अलसी को पानी में भिगो कर कच्चा खाने के लिए इस्तेमाल में लाया जा सकता है। हालांकि, आपको यह ध्यान रखना होगा कि कच्ची अलसी में साइनाइड की कुछ मात्रा मौजूद होती है। इसलिए, दो चम्मच से अधिक कच्ची अलसी का सेवन नहीं करना चाहिए।
4. क्या अलसी का सेवन मुंहासों का कारण बन सकता है?
एनसीबीआई के एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि अलसी का उपयोग मुंहासों की समस्या से राहत दिला सकता है । ऐसे में यह कहना उचित नहीं होगा कि अलसी का सेवन मुंहासों का कारण बन सकता है। हां, यह माना जा सकता है कि कुछ विशेष स्थितियों में शायद ऐसा हो। इस स्थिति में अलसी का सेवन बंद कर देना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
5. अलसी को विभिन्न भाषाओं में किन नामों से पुकारा जाता है?
अलसी को स्पैनिश में सेमिलास डे लिनो, अरबी में बुधुर अल्कितान, तेलुगू में अवैसे गिंजालु, तमिल में अली विदाई और कन्नड़ में अगासी के नाम से पुकारा जाता है।
6. क्या अलसी पेट की चर्बी को कम करने में मदद कर सकती है?
अलसी में भरपूर मात्रा में डायट्री फाइबर पाया जाता है। यह फाइबर पाचन क्रिया को सुधार कर शरीर पर जमी अतिरिक्त चर्बी को कम करने में मदद कर सकता है । ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि पेट पर जमी अतिरिक्त चर्बी को कम करने में भी अलसी सहायक साबित हो सकती है।
7. अलसी की तासीर गर्म होती है या ठंडी?
अलसी की तासीर गर्म होती है।
8. क्या अलसी के बीज से तैयार कैप्सूल सुरक्षित हैं?
अलसी के कैप्सूल की बात करें, तो डॉक्टर की सलाह पर ही इसे लेना सही होगा। घरेलू उपचार के तौर पर अलसी के कैप्सूल लेने की सलाह नहीं दी जा सकती।
9. क्या भूनी हुई अलसी ज्यादा फायदेमंद होती है?
अलसी के उपयोग की बात करें, तो इसे भूनकर, पीसकर और कच्चा, तीनों प्रकार से उपयोग करने की बात सामने आती है । इन तीनों तरीकों से ही अलसी को उपयोग कर इसके फायदे हासिल किए जा सकते हैं, लेकिन अलसी को भूनकर उपयोग करना एक अच्छा विकल्प हो सकता है। दरअसल, भुनी अलसी के फायदे यह हैं कि इससे इसमें मौजूद साइनाइड जैसे हानिकारक तत्व समाप्त हो जाते हैं।
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