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Poem In Hindi – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’ राजसमंद द्वारा रचित रचना ‘जहां से तू गुजर जाएं’
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‘जहां से तू गुजर जाएं’
जहां तुम कदम रख दो,
वह धूल भी फूल हो जाएं|
पेड़ – पौधें, डाल – पात,
फूल, कलियां भी महक जाएं|
नृत्य करती, इठलाती, मस्ती में हो,
जब – जब जहां से तू गुजर जाएं|1|
जिस पथ पर उमंग,
उल्लास से तू चल रहीं|
जिससे मिलन की,
प्यास लिए तू चल रहीं|
एक नज़र ही सही,
वह तुमको नज़र आएं|
जब – जब जहां से तू गुजर जाएं|2|
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वह भी इंतजार में,
नजरें बिछाएं बैठा होगा|
सजिले नैनों में,
कुछ ख्वाब सजाएं बैठा होगा|
जब भी देखे तू प्रेम से उसको,
उसकी आंखों में तेरा प्यार नजर आएं|
जब – जब जहां से गुजर जाएं|3|
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मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
काव्य गोष्ठी मंच,
राजसमन्द
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