Surya Ki Disha Badlane Lagi Hai Poem In Hindi – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’ राजसमंद द्वारा रचित रचना ‘सूर्य की दिशा बदलने लगी हैं’
सूर्य की दिशा बदलने लगी हैं
हवा की भी हरकत बदलने लगी हैं
बच्चों की टोली पतंग लेके आई
रंगबिरंगी गगन में सभी ने उड़ाई
इधर – उधर गोते खाने लगी जब
ढील दे देकर पतंग को उन्होंने बचाई
कभी इतराने इठलाने लगी हैं
बहती पवन में लहराने लगी हैं
सूर्य की दिशा बदलने लगी हैं
हवा की भी हरकत बदलने लगी हैं
कहीं बेट – बल्ला,कहीं सितोलिये जमे हैं
कहीं मारदड़ी का हो – हल्ला मचे हैं
कभी लट्टू पे बच्चें लट्टू हुए हैं
कोई मसखरे कोई निखट्टू हुए हैं
गुल्ली डंड़े की बारी भी आने लगी हैं
जितने वाली टोली इतराने लगी हैं
सूर्य की दिशा बदलने लगी हैं
हवा की भी हरकत बदलने लगी हैं
दक्षिणायन से उत्तरायण चलने लगा सूर
मौसम भी अपना बदलने लगा सुर
दान पुण्य का क्रम शुरु हुआ हैं
छोटे से बड़ा दिन होने लगा हैं
प्रेमी की सूरत दिखने लगी हैं
बचपन की यादें मचलने लगी हैं
सूर्य की दिशा बदलने लगी हैं
हवा की भी हरकत बदलने लगी हैं
मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
राजसमंद
मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’ राजसमंद द्वारा रचित रचनाएं-
- ‘पानी पिचकारी भर लायो हैं कन्हैया’
- ‘तेरे कारण ही घर में हुई थी दीवार खड़ी’
- ‘मैं ना जाउंगा अब यूं, तुझे छोड़कर’
- ‘तुम हो मेरे साथ में’
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