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Hum Deewane Rahe Hai Poem In Hindi – कमलेश जोशी ‘कमल’ राजसमंद द्वारा रचित रचना ‘हम दीवाने रहे हैं’
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खयालात उनके कुछ पुराने रहे हैं
अपने हो कर भी वह बेगाने रहे हैं
दिल्लगी रखी मानकर जिसे अपना
उन्ही के तीरों के हम निशाने रहे हैं
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समय का पहिया चलता रहा सदा
वक्त संग बदलते यूंही जमाने रहे हैं
तुम कब मतलबी हो गए थे दोस्त
साथ तेरे तो कितने अफसाने रहे हैं
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हुनर ठगने का नया चलन मे आज
कला के कितने वरना घराने रहे हैं
अपनी बात जरा जमाकर कहना
कविता के कमल हम दिवाने रहे हैं
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कमलेश जोशी ‘कमल’
राजसमंद
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