बुद्ध के पास मौलुंकपुत्त नाम का एक दार्शनिक आया। उसने कहा : ईश्वर है? बुद्ध ने कहा : सच में ही तू जानना चाहता है या यूं ही एक बौद्धिक खुजलाहट? मौलुंकपुत्त को चोट लगी। उसने कहा : सच में ही जानना चाहता हूं। यह भी आपने क्या बात कही! हजारों मील से यात्रा करके कोई बौद्धिक खुजलाहट के लिए आता है? यह भी पढ़े - बोध कथा - सुखी रहने के लिए दूसरों में नहीं देखनी चाहिए ये बातें तो फिर बुद्ध ने … [Read more...]
भगवान बुद्ध की तीन प्रेरक कहानियां
आप सभी पाठकों के लिए प्रस्तुत है भगवान बुद्ध के जीवन से जुडी तीन प्रेरक कथाएं - यह भी पढ़े - बोध कथा - सुखी रहने के लिए दूसरों में नहीं देखनी चाहिए ये बातें जिसकी जैसी भावना एक बार बुद्ध कहीं प्रवचन दे रहे थे। अपने प्रवचन ख़त्म करते हुए उन्होंने आखिर में कहा, जागो, समय हाथ से निकला जा रहा है। सभा विसर्जित होने के बाद उन्होंने अपने प्रिय शिष्य आनंद से कहा, चलो थोड़ी दूर घूम कर आते हैं। … [Read more...]
बोध कथा – लोमड़ी की तरह नहीं, शेर की तरह बनो
Hindi Bodh Katha : एक बौद्ध भिक्षु भोजन बनाने के लिए जंगल से लकड़ियां चुन रहा था कि उसने कुछ अनोखा देखा। उसने एक बिना पैरों की लोमड़ी देखी,जो ऊपर से स्वस्थ दिख रही थी। उसने सोचा कि आखिर इस हालत में ये लोमड़ी जिन्दा कैसे है? यह भी पढ़े - बोध कथा - सुखी रहने के लिए दूसरों में नहीं देखनी चाहिए ये बातें वह अपने विचारो में खोया था कि अचानक हलचल होने लगी। जंगल का राजा शेर उस तरफ आ रहा था। भिक्षु … [Read more...]