Yoga For Pregnant Women in Hindi | गर्भावस्था के बाद महिलाओं के ब्रेन, ब्रैस्ट और भी कई पार्ट्स में हार्मोनल चेंजेस आने लगते हैं | इससे महिलाओं को कुछ अजीब महसूस होता है | गर्भावस्था के दौरान अगर जीवनशैली में योग को शामिल कर लिया जाए तो गर्भावस्था के दौरान बच्चे को स्वस्थ रखने और परेशानियों से बचे रहने में सहूलियत होगी | इतना ही नहीं गर्भावस्था के दौरान किया गया योग डिलीवरी को भी आसान बना देता है … [Read more...]
पेट की गैस से छुटकारा पाने के लिए जरूरी योगासन
Yoga For Gas Problem In Hindi | योग का जिक्र आयुर्वेद में अच्छी तरह से किया गया है | योग के मदद से हम आपके शरीर सेकई दोषों को दूर कर शरीर को दोषमुक्त बना सकते हैं | हर रोग के लिए एक विशेष योगपद्धति का इस्तेमाल किया जा सकता है | ठीक इसी तरह जो लोग गैस की समस्या से परेशान है आसानी से योग की मदद से छुटकारा पा सकते हैं | तो चलिए कुछ ख़ास योगासन के बारे में जानते हैं जिनकी मदद से आप पेट की गैस का खात्मा … [Read more...]
मोटापा घटाने के लिए बड़े काम की है बाबा रामदेव की यह टिप्स
Baba Ramdev Tips For Weight Loss: योग गुरु बाबा रामदेव तेजी से वजन घटाने के लिए कई चीजों की सलाह देते हैं। अपने कई कार्यक्रमों और अपनी वेबसाइट पर स्वामी रामदेव ने मोटापा घटाने के लिए कुछ योगासनों और आयुर्वेदिक दवाओं को लेने की सलाह दी है जिसे हम सरल तरीके से आपके लिए प्रस्तुत कर रहे हैं। यह भी पढ़े - मोटापा घटाने के लिये रात में करने चाहिए ये 4 जरुरी काम कपालभाति प्राणायाम जो लोग मोटापे … [Read more...]
इन तरीकों से एक्टिव कर सकते सिक्स्थ सेंस यानी छठी इंद्री, जान सकते है भूत-भविष्य और वर्तमान
छठी इंद्री को अंग्रेजी में सिक्स्थ सेंस कहते हैं। सिक्स्थ सेंस एक मानसिक चेतना से जुड़ी प्रक्रिया है। ये वैसे तो दुनिया के लगभग हर व्यक्ति में होती है। इसी के कारण किसी भी इंसान को अपने या परिजनों के साथ होने वाली कुछ घटनाओं का पूर्वाभास हो जाता है। मगर अक्सर बच्चों में बड़ों की तुलना में ये सेंस ज्यादा होता है बड़े होने पर ये कम होता जाता है। यह भी पढ़े - तंत्र के अनुसार इन तरीकों से बढ़ा सकते है … [Read more...]
नाद योग – ऋषि-मुनियों के हमेशा जवान बने रहने का चमत्कारी तरीका
Naad Yoga: चक्र जागरण के लिए योग सबसे आसान माध्यम है। कुंडलिनी के सात चक्रों में से पांचवां चक्र यानी विशुद्धि चक्र शुद्धिकरण का केंद्र है। इसका संबंध जीवन चेतना के शुद्धिकरण व संतुलन से है। योगियों ने इसे अमृत और विष के केंद्र के रूप में भी परिभाषित किया है। विशुद्धि चक्र की साधना से एक ऐसी स्थिति प्रकट होती है, जिससे जीवन में अनेकों विशिष्ट आध्यात्मिक अनुभूतियां आती हैं। इससे साधक के ज्ञान में … [Read more...]