कवि की करुण पुकार - आचार्य डॉ अजय दीक्षितशरीर का सारकवि की करुण पुकार🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁चितचोर नयन, चंचल चितवन, चित में चित्रित, तेरा मुस्काना।मनमोहन, माधव,मुरलीधर,मन मोह न मन में बस जाना।।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹1- विरह वेदना बालेपन की वनवारी बरबस करती।मिलने की मन आस जगी है शुशमित छवि शुशमा भरती।।गोविन्दम् गोपाल गिरधारी आ जाओ फिर न जाना।मनमोहन माधव मुरलीधर मन मोह न मन में बस जाना🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺2- मायापति तेरी ये माया मन के सुमन … [Read more...]
शरीर का सार – आचार्य डा.अजय दीक्षित “अजय”
Sharir Ka Saar - Dr. Ajay Dixit "Ajay"आचार्य डॉ अजय दीक्षित द्वारा रचित रचना - शरीर का सारहै राम नाम आधार तुम्हारी सांसों में। सतनाम राम का सार तुम्हारी सांसों में।।1- हानि-लाभ और जनम -मरण सब, माया पति की माया। यश -अपयश प्रारब्ध से मिलता, कलुषित मत कर काया।।कर्ता-धर्ता करतार तुम्हारी सासों में। सतनाम राम का सार तुम्हारी सांसों में।।2- राजा-रंक व रंभ-करंभ रवि-चंद्र चंद्र आधीन।थलचर,जलचर,नभचर सारे … [Read more...]