Krishak Ke Dohe In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'कृषक का कर्म' और 'कृषक पर दोहें'पांच दोहें - कृषक का कर्म (Krishak Ka Karm)सांझ हुई घर को चले,किसान अरु दो बैल|किरणें गई धूल उड़ी,नभ तारों की वेल||बैलों को धकेल रहा,ले लकुटी वो हाथ|खेत रज से सना हुआ,अंग - अंग अरु गात||खेत में बीज बो दिया,अब बरखा का काम|सुफल कुफल जो भी मिले,अब ले हरि का नाम||करवट बदले रैन में,चित्त हुआ … [Read more...]
‘निर्जन-वन’ – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Nirjan-Van Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'निर्जन - वन''निर्जन - वन' (Nirjan-Van)जंगल वन एकांत निर्जनरहता नहीं जहां कोई जनगगनचुम्बी जहां वृक्ष खड़े हैंविशालकाय सघन बड़े हैंझर झर झर झर झरता रहताप्रतिपल निर्झर बहता रहताशहर बस्ती से बहुत दूरजहां शांति हैं भरपूरसरिता का बहता पल पलजल अपनी मस्ती में कल कलसरस सरल सुन्दर लगता हैंमनमोहक वन का आननजंगल वन एकांत निर्जनरहता … [Read more...]
आपसे हैं – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Aapse Hai Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'आपसे हैं ''आपसे हैं' (Aapse Hai)ये टीका ये बिंदी ये चुड़ियाँ आपसे हैं|मेरी सारी खुशियाँ आपसे हैं|1|ये हार ये भुजबंध ये पायल| ये कानों की झुमकियां आपसे हैं|2|ये नथनी ये कजरा ये गजरा|ये बालों की बदरिया आपसे हैं|3|ये लाली ये चोली ये लहंगा|ये लहराती चुनरियाआपसे है|4|ये रुप ये रंग ये रंगत|ये लचकती कमरिया आपसे है|5|ये चांद ये … [Read more...]
नहीं होता – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Nhi Hota Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'नहीं होता''नहीं होता' (Nhi Hota Poem In Hindi)आजकल लिखने का मन नहीं होता|उनकी यादों का चमन नहीं होता|1|बहुत अरसे से नजर ना आए वह|नजर से नजर का मिलन नहीं होता|2|वो गए उस दिन की सूरत याद है|अब उनका कभी दर्शन नहीं होता|3|हमारी जान उनकी जान हो गयी|उनके बिना बदन बदन नहीं होता|4|लिखना था जो तुझे लिख दिया मैंने|अब कोई नया सृजन … [Read more...]
अच्छा लगता हैं- मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Achcha Lagta Hai Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'अच्छा लगता हैं''अच्छा लगता हैं' (Achcha Lagta Hai)तेरी गली तेरा घर घर का कोना अच्छा लगता हैं|तेरे खयालों में खोना अच्छा लगता हैं|1|तेरी आंखें तेरी पलकें पलकों के किनारें|तेरे नैनों में बसना अच्छा लगता हैं|2|तेरी लकुटी तेरी कंबल बांस की बांसुरी|अधरों पर धरना अच्छा लगता हैं|3|तेरी मूरत तेरी सूरत जिसकी मुझको जरुरत|तेरे … [Read more...]
सूर्य की दिशा बदलने लगी हैं – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Surya Ki Disha Badlane Lagi Hai Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'सूर्य की दिशा बदलने लगी हैं'सूर्य की दिशा बदलने लगी हैंहवा की भी हरकत बदलने लगी हैंबच्चों की टोली पतंग लेके आईरंगबिरंगी गगन में सभी ने उड़ाईइधर - उधर गोते खाने लगी जबढील दे देकर पतंग को उन्होंने बचाईकभी इतराने इठलाने लगी हैंबहती पवन में लहराने लगी हैंसूर्य की दिशा बदलने लगी हैंहवा की भी हरकत बदलने लगी … [Read more...]
‘याद आया मुझे वो जमाना’- मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Yaad Aaya Mujhe Wo Jamana Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'याद आया मुझे वो जमाना''याद आया मुझे वो जमाना' (Yaad Aaya Mujhe Wo Jamana)याद आया मुझे वो जमानाउसकी यादों में रैन का बितानावो हस के चलीवो मन ले चलीमेरे चित को चित से चुरानायाद आया मुझे वो जमानाउसकी यादों में रैन का बितानाचंचल तारों सी आंखेंघूंघट से झांकेंउसकी पलकें झुकीउसकी पलकें उठीउसका नजरों से नजरें … [Read more...]
‘तुम हो मेरे साथ में’- मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Tum Ho Mere Sath Me Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'तुम हो मेरे साथ में''तुम हो मेरे साथ में' (Tum Ho Mere Sath Me)सुबह में,सांझ मेंदिन में,रात मेंतुम्हारा हाथ मेरे हाथ मेंतुम हो मेरे साथ मेंहौसलों,उड़ान मेंधरा,आसमान मेंमंजिल की राह मेंकदम कदम साथ मेंतुम हो मेरे साथ मेंआचार में,विचार मेंदिल में,खयाल मेंएक नये ख्वाब मेंहरदम हो पास मेंतुम हो मेरे साथ मेंतन में,मन … [Read more...]
‘तेरे कारण ही घर में हुई थी दीवार खड़ी’- मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Tere Karan Hi Ghar Me Hui Thi Deewar Khadi Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'तेरे कारण ही घर में हुई थी दीवार खड़ी''तेरे कारण ही घर में हुई थी दीवार खड़ी' (Tere Karan Hi Ghar Me Hui Thi Deewar Khadi)तेरे कारण ही घर मेंहुई थी दीवार खड़ीअपनी हर बातों परहरदम रहीं तू अड़ीपहले सबके मन को भांपातोलमोल व्यवहार नापासमय समय पर चाल बदलीसूरत दिखाई अपनी असलीसंस्कारों को ताक टांग … [Read more...]
‘पानी पिचकारी भर लायो हैं कन्हैया’- मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Pani Pichkari Bhar Layo Re Kanhaiya Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'पानी पिचकारी भर लायो हैं कन्हैया''पानी पिचकारी भर लायो हैं कन्हैया' (Pani Pichkari Bhar Layo Re Kanhaiya)घट घट पनघट घट घट भर के,पानी पिचकारी भर लायो हैं कन्हैया|गौरी - गौरी गोरे - गोरे हाथ में गुलाल लेके|रंग रंगने आई अहीर की छोरियाँ|पानी पिचकारी भर आयो हैं कन्हैया|होठ लाल गाल लाल,गाल पर बिखरे हैं … [Read more...]