Nachta Basant Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'नाचता बसंत''नाचता बसंत' (Nachta Basant)कोपल में, कलियों में, कोयल की कुहू - कुहू में,गांव की गलियों में घूमता बसंत हैं|पुष्पों में, पुंजों में, पराग में, पाहन में,झरने की झर - झर में झरता बसंत हैं|तुझ में, मुझ में, लता और कुंज में,प्रकृति के अंग - अंग में नाचता बसंत हैं|भुजा में भुजबंध को, कलाई में कंगन को,पांव की पायल … [Read more...]
‘जहां से तू गुजर जाएं’ – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'जहां से तू गुजर जाएं''जहां से तू गुजर जाएं'जहां तुम कदम रख दो,वह धूल भी फूल हो जाएं|पेड़ - पौधें, डाल - पात,फूल, कलियां भी महक जाएं|नृत्य करती, इठलाती, मस्ती में हो,जब - जब जहां से तू गुजर जाएं|1|जिस पथ पर उमंग,उल्लास से तू चल रहीं|जिससे मिलन की,प्यास लिए तू चल रहीं|एक नज़र ही सही,वह तुमको नज़र आएं|जब - जब जहां से तू गुजर जाएं|2|वह … [Read more...]
नव वर्ष पर कविता – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
New Year Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित नव वर्ष पर कवितानव सूरनव धूप होएक नव रुप होनव भावनव बात होएक नव प्रभात होनव रंगनव रुप होएक नव स्वरुप होनव पथनव गमन होएक नव चमन होनव उल्लासनव उमंग होएक नव तरंग होनव सुरनव तान होएक नव गान होवही तनवही मन होवही पहले सा प्यार होएक नव बहार होएक नव बहार होमनीष नंदवाना 'चित्रकार'राजसमंद🌹|| आप सभी को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ||🌹मनीष … [Read more...]
सूरज आंख मिचोली करता – मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Suraj Aankh Micholi Karta Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'सूरज आंख मिचोली करता''सूरज आंख मिचोली करता' (Suraj Aankh Micholi Karta)सूरज आंख मिचोली करताकभी वो छुपता कभी वो दिखताहल्की हल्की धूप धरा परकंचन कनक कणिकाएँ बिखेरतामेघ गर्जन रह रह कर करताआज हंसी ठीठोली करतासूरज आंख मिचोली करतातीखे तीर सी समीर चले हैंशीतल शीतल मंद बहे हैंहिमाचल के हिम सी शीतलहिम कण सी अंबु … [Read more...]
‘सरदी की सुबह’- मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Sardi Ki Subah Poem In Hindi- मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित कविता 'सरदी की सुबह'कविता'सरदी की सुबह' (Sardi Ki Subah)सरदी की सुबहसजधजमैं, घर से निकलाजाने को पाठशालाराह मेंछोटे - छोटे बच्चेंअपने से अधिकझोले का बोझ ढोएजा रहें हैं पाठशालाआते जाते राहगीरमुंह पर रुमाल बांधेटोपे वाला कोट पहनेदिखाई दे रहें हैं"कोई मिल गया" केजादू जैसेकुछ कुत्तेइधर - उधरभागते हुएदिखाई दे जाते हैंरक्त गर्म कर … [Read more...]
‘मैं ना जाउंगा अब यूं, तुझे छोड़कर’- मनीष नंदवाना ‘चित्रकार’
Main Na Jaunga Ab Yun, Tujhe Chodkar Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'मैं ना जाउंगा अब यूं, तुझे छोड़कर''मैं ना जाउंगा अब यूं, तुझे छोड़कर' (Main Na Jaunga Ab Yun, Tujhe Chodkar)मैं ना जाउंगा अब यूं,तुझे छोड़कर|ना जाउंगा अब मैं,ये मुख मोड़कर|तुझको देखा,तो चाहा,तो प्यार किया|जो था सब कुछ वो न्योछावर किया|तेरी आंखों पे सारे सितारें झुके|तेरे दर्शन की चाह में ये चांद … [Read more...]