कविता- वो एक मुद्दत का इश्क़ (Wo Ek Muddat Ka Ishq)वो एक मुद्दत का इश्क़ बहुत बेचैन होता हूँआपकी हर एक बातों से,इश्क़ भी पनपता हैं कहीं दिल मेंपर एक अजीब विडंबना है।मेरा बेचैन होना, इश्क़ का पनपनामुझे बेवफ़ा बनाती है,उस एक नाकामयाब एक तरफा इश्क़ के प्रति।वो एक मुद्दत का इश्क़।तब नासमझ था कुछ बोल नहीं पायाकि बहुत इश्क़ हैं उससे,आज समझा हूँ कुछ बोल नहीं पाऊँगाकि कुछ नहीं है तुमसे।अब भी चाहत है दिल मेंउस … [Read more...]