Sharir Ka Saar - Dr. Ajay Dixit "Ajay"आचार्य डॉ अजय दीक्षित द्वारा रचित रचना - शरीर का सारहै राम नाम आधार तुम्हारी सांसों में। सतनाम राम का सार तुम्हारी सांसों में।।1- हानि-लाभ और जनम -मरण सब, माया पति की माया। यश -अपयश प्रारब्ध से मिलता, कलुषित मत कर काया।।कर्ता-धर्ता करतार तुम्हारी सासों में। सतनाम राम का सार तुम्हारी सांसों में।।2- राजा-रंक व रंभ-करंभ रवि-चंद्र चंद्र आधीन।थलचर,जलचर,नभचर सारे … [Read more...]