ग़ज़ल - सुनो तो मुझे भी ज़रा तुम (Suno To Mujhe Bhi Jara Tum)सुनो तो मुझे भी ज़रा तुम (Suno To Mujhe Bhi Jara Tum)सुनो तो मुझे भी ज़रा तुमबनो तो मिरी शोअरा तुमये सोना ये चाँदी ये हीराहै खोटा मगर हो खरा तुमतिरा ज़िक्र हर बज़्म में हैसभी ज़िक्र से मावरा तुममिरी कुछ ग़ज़ल तुम कहो अबख़बर है हो नुक्ता-सरा तुममिलो भी कभी घर पे मेरेकरो चाय पर मशवरा तुमथी ये दोस्ती कल तलक ही,हो अब 'अर्श' की दिलबरा तुम।- अमित राज … [Read more...]