Hum Dekhte Rahe Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'हम देखते रहें''हम देखते रहें' (Hum Dekhte Rahe)झुकी हुई पलकें हम देखते रहें|सिर झुका के चले हम देखते रहें|1|जुल्फें बिखरी हवा ने चेहरे पे आ गई|चांद पर बादलों का डेरा हम देखते रहें|2|नीले परिधान पर मटमैला दुपट्टा|चेहरे को ढकता रहा हम देखते रहें|3|नीलम मोती की अंगुठी पहनी जो आपने|जैसे झील में मीन हम देखते रहें|4|मन के … [Read more...]