Agni Ki Utpatti | गुरु वृहस्पति द्वारा बिभिन्न प्रकार की अग्न्नियों की उत्पत्ति | मार्कण्डेय जी कहते हैं- राजन! बृहस्पति जी की जो यशस्विनी पत्नी चान्द्रमसी (तारा) नाम से विख्यात थी, उसने पुत्ररूप में छ: पवित्र अग्नियों को तथा एक पुत्री को भी जन्म दिया। (दर्श-पौर्णमास आदि में) प्रधान आहुतियों को देते समय जिस अग्नि के लिये सर्वप्रथम घी की आहुति दी जाती है, वह महान व्रतधारी अग्नि ही … [Read more...]