बहादुर शाह ज़फर (Bahadur Shah Zafar) Bahadur Shah Zafar - Shayari ***** 1 उम्रे-दराज* मॉंगकर लाये थे चार दिन दो आरजू में कट गये, दो इन्तिजार में कितना है बदनसीब 'जफर' दफ्न के लिये दो गज जमीं भी न मिली कू-ए-यार* में *दराज - लंबी, तवील *कू-ए-यार - प्रेमिका की गली Umre-daraz maangakar laye the char din Do aarjoo mein kat gaye, do intizaar mein Kitana hai badnaseeb 'Jafar' dafn ke … [Read more...]