Top 100 Friendship Shayari | Top 100 Dosti Shayari | Top 10 Friendship Shayari | Top 20 Friendship Shayari | Top 50 Friendship Shayari ***** Top 100 Aarzoo Shayari | Top 100 आरज़ू शायरी 1 हर पल की दोस्ती का इरादा है आपसे अपनापन ही कुछ ज्यादा है आपसे साथ रहेंगे आपके उम्र भर के लिए हमेशा दोस्ती निभाएंगे वादा है आपसे Har pal ki dosti ka iraada hai aapse Apnapan hi kuchh jyada hai aapse Sath rahenge … [Read more...]
4 Line Dosti Shayari | 4 लाइन दोस्ती शायरी
4 Line Dosti Shayari | Hindi | Images | New | Best | WhatsApp | 4 लाइन दोस्ती शायरी ***** दोस्ती दर्द नहीं खुशियों कि सौगात है किसी अपने का ज़िन्दगी भर का साथ है ये दिलो का वो खूबसूरत एहसास है जिसके दम से रोशन ये सारी कायनात है 2 Line Dosti Shayari | 2 लाइन दोस्ती शायरी 4 Line Dosti Shayari ***** जिक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का हमने खुद को खुश नसीब पाया तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त … [Read more...]
2 Line Dosti Shayari | 2 लाइन दोस्ती शायरी
2 Line Dosti Shayari | 2 लाइन दोस्ती शायरी | WhatsApp | Facebook | Images | Pictures ***** दोस्ती अपनी भी असर रखती है "'फ़राज़" बहुत याद आएँगे ज़रा भूल कर तो देखो अहमद फ़राज़ Dosti Shayari | दोस्ती शायरी ***** लाख बेमेहर सही दोस्त तो रखते हो "फ़राज़" इन्हें देखो कि जिन्हें कोई सितमगर ना मिला अहमद फ़राज़ ***** तुम तक़ल्लुफ़ को भी इख़लास समझते हो "फ़राज़" दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने … [Read more...]
Dosti Shayari | दोस्ती शायरी
Dosti Shayari | Hindi| Friendship | WhatsApp | Facebook | Images | Pictures | Photos ***** जिक्र हुआ जब खुदा की रहमतों का हमने खुद को खुश नसीब पाया तमन्ना थी एक प्यारे से दोस्त की खुदा खुद दोस्त बनकर चला आया Dosti Shayari By Famous Shayar | दोस्ती शायरी प्रसिद्ध शायरों की कलम से ***** दोस्ती वो एहसास है जो मिलता नहीं दोस्ती वो पर्वत है जो झुकता नहीं इसकी कीमत क्या है पूछो हमसे ये वो … [Read more...]
Dosti Shayari | दोस्ती शायरी
Dosti Shayari | दोस्ती शायरी ***** 1 दोस्ती अपनी भी असर रखती है "'फ़राज़" बहुत याद आएँगे ज़रा भूल कर तो देखो अहमद फ़राज़ Dosti apni bhi asar rakhti hai Faraz Bahut yaad aayenge jara bhool ke dekho Ahmad Faraz ***** 2 ये कह कर मुझे मेरे दुश्मन हँसता छोड़ गए तेरे दोस्त काफी हैं तुझे रुलाने के लिए अहमद फ़राज़ Ye kah kar mujhe mere dushman hansta chhod gaye Tere dost kaafi hain tujhe … [Read more...]
Dosti Shayari by Ahmad Faraz (दोस्ती शायरी – अहमद फ़राज़)
Ahmad Faraz Dosti Shayari by Ahmad Faraz ***** दोस्ती अपनी भी असर रखती है "'फ़राज़" बहुत याद आएँगे ज़रा भूल कर तो देखो अहमद फ़राज़ Dosti apni bhi asar rakhti hai Faraz Bahut yaad aayenge jara bhool ke dekho Ahmad Faraz ***** मेरे दोस्त की पहचान यही काफी है वो हर शख्स को दानिस्ता* खफा करता है (* दानिस्ता = जान बूझकर) अहमद फ़राज़ Mere dost ki pehchan yahi kaafi hai Wo har shakhs ko … [Read more...]
Rafaqat Shayari Part- 7 (रफ़ाक़त शायरी भाग- 7)
Rafaqat Shayari Part- 7 ***** 61 बाद मरने के भी छोड़ी न रफ़ाक़त मेरी मेरी तुर्बत से लगी बैठी है हसरत मेरी (रिफ़ाक़त = दोस्ती; तुर्बत = कब्र) अमीर मीनाई Baad marne ke bhi chhodi na rafaaqat meri Meri turbat se lagi baithi hai hasrat meri Ameer Minai ***** 62 दोस्ती अपनी भी असर रखती है फ़राज़ बहुत याद आएँगे ज़रा भूल कर तो देखो अहमद फ़राज़ Dosti apni bhi asar rakhti hai Faraz Bahut … [Read more...]
Rafiq Shayari Part- 6 (रफ़ीक शायरी भाग- 6)
Rafiq Shayari Part- 6 ***** 51 रफ़ीक़ों से रक़ीब अच्छे जो जल कर नाम लेते हैं गुलों से ख़ार बेहतर हैं जो दामन थाम लेते हैं (रफ़ीक़ = दोस्त; रक़ीब = दुश्मन; गुल = फूल; ख़ार = कांटा) अज्ञात Rafeekon se raqeeb acchhe jo jal kar naam lete hain Gulon se khaar behtar hain jo daaman thaam lete hain Unknown ***** 52 हम ने सुना था की दोस्त वफ़ा करते हैं "फ़राज़" जब हम … [Read more...]
Dost Shayari Part-5 (दोस्त शायरी भाग- 5)
Dost Shayari Part-5 ***** 41 शिद्दत-ए-दरद से शर्मिंदा नहीं मेरी वफा "फराज़" दोस्त गहरे हैं तो फिर जख्म भी गहरे होंगे अहमद फ़राज़ Shiddat-E-Dard se sharminda nahi meri wafa "Faraz", Dost gehrey hain to phir zakham bhi gehre honge Ahmad Faraz **** 42 दोस्तों से आज मुलाक़ात की शाम है ये सज़ा काट के फिर अपने घर को जाऊँगा मज़हर इमाम Doston se aaj mulakat ki shaam hai Ye saza kaat ke phir … [Read more...]
Famous Yaari Dosti Shayari Part-4 (प्रसिद्ध यारी-दोस्ती शायरी भाग-4)
Famous Yaari Dosti Shayari Part-4 ***** 31 अपने हाथ से दिया यार ने मीना मुझको रूखसत-ए-तौबा कि लाजिम हुआ पीना मुझको 'बेदिल' अजीमाबादी (मीना = सुराही; रूखसत-ए-तौबा = शराब से परहेज की छुट्टी) Apne haath se diya yaar ne m,eena mujhko Rukhsat-e-tauba ki laazim hua peena mujhko Bedil Azimabadi ***** 32 ये कह कर मुझे मेरे दुश्मन हँसता छोड़ गए तेरे दोस्त काफी हैं तुझे रुलाने के लिए अहमद … [Read more...]