Prasidh Shayari on Dosti Part- 3 ***** 21 तुम तक़ल्लुफ़ को भी इख़लास समझते हो 'फ़राज़' दोस्त होता नहीं हर हाथ मिलाने वाला (तक़ल्लुफ़ = शिष्टाचार; इख़लास = दोस्ती, मित्रता) अहमद फ़राज़ Tum taqalluf ko bhi ikhlaas samjhte ho 'Faraz' Dost hota nahin har haath milaane waala Ahmad Faraz ***** 22 देखा जो तीर खा के कमीं-गाह की तरफ़ अपने ही दोस्तों से मुलाक़ात हो गई (कमीं-गाह = वह स्थान … [Read more...]
Best Sher on Dosti Part- 2 (दोस्ती पर शायरी भाग- 2)
Best Sher on Dosti Part- 2 ***** 11 जहाँ दुनिया निगाहें फेर लेगी वहाँ ऐ दोस्त तुमको हम मिलेंगे रविश सिद्दकी Jahan duniya nigaahein fer legi Wahan ae dost tumko ham milenge Ravish Siddiqui ***** 12 जिन्दगी आप की ही नवाजिश है वरना ऐ दोस्त हम मर गये होते (नवाजिश = कृपा, इनायत) अब्दुल हमीद अदम Zindagi aap ki nawaazish hai Warna ae dost ham mar gaye hote Abdul Hameed … [Read more...]
Dosti Shayari Part- 1 (दोस्ती शायरी भाग- 1)
Dosti Shayari Part- 1 ***** 1 मेरे दोस्तों की पहचान इतनी मुशिकल नहीं "फराज" वो हँसना भूल जाते हैं मुझे रोता देखकर अहमद फ़राज़ Mere doston ki pehchaan itni musqil nahi "Faraz" Wo hasna bhool jate hain, Mujhe rote dekh kar Ahmad Faraz ***** 2 आ कि तुझ बिन इस तरह ऐ दोस्त घबराता हूँ मैं जैसे हर शय में किसी शय की कमी पाता हूँ मैं (शय = चीज़) जिगर मुरादाबादी Aa ke tujh bin is tarah ae … [Read more...]