Faiz Ahmad Faiz (फैज़ अहमद फैज़) Faiz Ahmad Faiz Shayari ***** 1 आदमियों से भरी है यह सारी दुनिया मगर आदमी को आदमी होता नहीं है दस्तयाब* दस्तयाब = उपलब्ध, प्राप्त Aadmiyon se bhari hai yah sari duniya magar Aadami ko aadami hota nahin hai dastyaab ***** 2 आये तो यूँ कि जैसे हमेशा थे मेहरबाँ भूले तो यूँ कि जैसे कभी आश्ना* न थे *आश्ना = मित्र, दोस्त, परिचित, जानकार, Aaye to yun jaise … [Read more...]