Desh Desh Se Aayi Bahti Poem In Hindi - कमलेश जोशी 'कमल' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'देश देश से आई बहती'देश देश से आई बहतीदेश देश से आई बहती इन धाराओं का संगम देखो किसने पिरोये सुंदर मोती इन पलों का सृजन देखोअद्भुत ये मंच सजा है देखो कितना दृश्य मनोहर पुलकित प्रसन्न हर मुख आगत भविष्य की धरोहरआतुर सब कहने को अपने मन की अभिव्यक्तिकितनी गहरी बातों को कहने की जिनमे है शक्तिहर एक अपने मे अलग हर एक, हर एक … [Read more...]
उड़ान से पहले – बस्ती कुम्हारों की Basti kumharon ki
उड़ान से पहले Udaan se Pahle बस्ती कुम्हारों की Basti Kumharon Ki फिर लगा फुटपाथ करवट सा बदलने पीठ सी दिखने लगी चौड़े पठारों की धुंध के बीच से ही सूरज दिखा नींद में ही लिख उठा कुछ अनलिखा टोलियां गा उठी खुलकर कामगांरो की हाथ आए आग वाले सिलसिले मोम से हो गए लोहे के किले जीत जागी धुप वाले घुड़सवारों की भोर आई रात से लड़कर नई अभी लड़ने को पड़ी राते कई दिये फिर गढ़ने लगी बस्ती कुम्हारों … [Read more...]