गंगा में विसर्जित अस्थियां आखिर जाती कहां हैं ? Bones In Ganga Visarjan - पतितपावनी गंगा को देव नदी कहा जाता है क्योंकि शास्त्रों के अनुसार गंगा स्वर्ग से धरती पर आई है। मान्यता है कि गंगा श्री हरि विष्णु के चरणों से निकली है और भगवान शिव की जटाओं में आकर बसी है। श्री हरि और भगवान शिव से घनिष्ठ संबंध होने पर गंगा को पतित पाविनी कहा जाता है। मान्यता है कि गंगा में स्नान करने से मनुष्य के सभी पापों … [Read more...]
Ganga Saptami | गंगा सप्तमी | Ganga Jayanti | गंगा जयंती
Ganga Saptami | Ganga Jayanti | Hindi | Story | Kahani | Pujan Vidhi | वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा सप्तमी कहते हैं। ऐसी मान्यता है कि गंगा दशहरा के दिन गंगा माँ का जन्म हुआ था जबकि गंगा सप्तमी के दिन माँ गंगा का पुनर्जन्म हुआ था। इस दिन को गंगा जयंती के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन गंगा नदी में स्नान कर पूजा करने का विशेष महत्व है। धर्म ग्रंथों के अनुसार, इस दिन गंगा नदी में … [Read more...]
अपने पुत्रों को ही नदी में बहाया था गंगा ने, पर क्यों?, जानिए गंगा से जुडी ऐसी ही रोचक बातें
हिन्दू धर्म में गंगा को सबसे पूजनीय नदी माना गया है। गंगा के संबंध में अनेक पुराणों में कई कथाएं पढ़ने को मिलती है। महाभारत के सबसे प्रमुख पात्र भीष्म भी गंगा के ही पुत्र थे। आज हम आपको गंगा से जुड़ी कुछ ऐसी रोचक बातें बता रहे हैं, जो बहुत कम लोग जानते हैं- यह भी पढ़े - यह है माँ गंगा के 10 मुख्य नाम, जानिए कैसे पड़े ये नाम ब्रह्मा ने दिया था महाभिष को श्राप प्राचीन समय में इक्ष्वाकु वंश … [Read more...]
लक्ष्मी, सरस्वती और गंगा का परस्पर श्राप देना
Lakshmi, Saraswati, Ganga Ka Ek Dusre Ko Shrap Dena: पौराणिक कथा के अनुसार भगवान विष्णु की तीन पत्नियाँ- लक्ष्मी, गंगा और सरस्वती थीं। एक बार विष्णुजी ने गंगा के प्रति विशेष अनुराग और लगाव दिखाया जिसके फलस्वरूप सरस्वती के मन में ईर्ष्या भाव उत्पन्न हो गया। सरस्वती, तीनों पत्नियों के प्रति समान अनुरक्ति रखने के आर्योचित सिद्धांत की उपेक्षा करके गंगा के प्रति आसक्ति दिखाने के लिए अपने पति विष्णुजी … [Read more...]