Hindi Poem On Navratri | Hindi Poem On Durga Puja | Hindi Poem On Maa Ambe | Kavita | ***** नवरात्री में नवदुर्गा नव नव रूप धरे हर रूप की अपनी महिमा कुछ शब्द न कह पाएं शैलपुत्री तुम प्रथम कहलाती हिमराज की सुता कहलाती द्वित्य ब्रह्म चारिणी हो तुम दुखियों की दुखहारिणी हो तुम चंद्र घटना तृतीय रूप है तेरा दुष्ट प्रकम्पित होते सारा कुश्मांड़ा तेरा रूप चतुर्थकम उल्लास का देती नया … [Read more...]