Poems On Maharana Pratap | महाराणा प्रताप पर कवितायें ***** चेतक पर चढ़ जिसने, भाला से दुश्मन संघारे थे… मातृ भूमि के खातिर, जंगल में कई साल गुजारे थे… झुके नही वह मुगलोँ से, अनुबंधों को ठुकरा डाला… मातृ भूमि की भक्ति का, नया प्रतिमान बना डाला… हल्दीघाटी के युद्ध में, दुश्मन में कोहराम मचाया था… देख वीरता राजपूताने की, दुश्मन भी थर्राया था… बलिदान पर राणा के, भारत माँ ने, लाल देश का खोया … [Read more...]