Josh Malihabadi (जोश मलीहाबादी) Josh Malihabadi Famous Shayari Part - 4 ***** 31 हवाएं ज़ोर कितना ही लगाएँ आँधियाँ बनकर मगर जो घिर के आता है वो बादल छा ही जाता है Hawaayen jor kitna hi lagaayen aandhiyaan bankar Magar jo ghir ke aata hai wo baadal chaa hi jaata hai ***** 32 शिकायत क्यों इसे कहते हो ये फ़ितरत है इंसान की मुसीबत में ख़याल-ए-ऐश-ए-रफ़्ता आ ही जाता … [Read more...]
Couplets of Josh Malihabadi Part – 3 (जोश मलीहाबादी की चुनिंदा कप्लेट्स भाग – 3)
Josh Malihabadi (जोश मलीहाबादी) Couplets of Josh Malihabadi Part - 3 ***** 21 अब देख उस का हाल कि आता न था करार खुद तेरे दिल को, जिस पे इनायत किये बगैर Ab dekh us ka haal ki aata na tha karaar Khud tere dil ko, jis pe inaayat kiye bagair ***** 22 फूँका हुआ है मेरे आशियाँ का हर तिनका फ़लक को ख़ू है तो है बिजलियाँ गिराने की (फ़लक = आसमान; ख़ू = आदत, व्यवहार) phoonka hua hai mere … [Read more...]
Sher of Josh Malihabadi Part – 2 (जोश मलीहाबादी के शेर भाग – 2 )
Josh Malihabadi (जोश मलीहाबादी) Sher of Josh Malihabadi Part - 2 ***** 11 क़दम इंसान का राह-ए-दहर में थर्रा ही जाता है चले कितना ही कोई बच के ठोकर खा ही जाता है (राह-ए-दहर = जीवन की राह) Kadam insaan ka raah-e-dahar mein tharra hi jaata hai Chale kitna hi koi bach ke thokar kha hi jaata hai ***** 12 सोज़-ए-ग़म दे के मुझे उस ने ये इरशाद किया जा तुझे कशमकश-ए-दहर से आज़ाद … [Read more...]
Josh Malihabadi Shayari Part-1 (जोश मलीहाबादी शायरी भाग – 1)
Josh Malihabadi (जोश मलीहाबादी) Josh Malihabadi Shayari Part-1 ***** 1 वहाँ से है मिरी हिम्मत की इब्तिदा वल्लाह जो इंतिहा है तिरे सब्र आज़माने की (इब्तिदा = शुरुआत; इंतिहा = उच्चतम सीमा) Wahan se hai miri himmat ki ibtida wallaah Jo intiha hai tire sabr aazmaane ki ***** 2 वो करें भी तो किन अल्फ़ाज़ में तेरा शिकवा जिन को तेरी निगह-ए-लुत्फ़ ने बर्बाद किया (निगह-ए-लुत्फ़ = … [Read more...]