Krishak Ke Dohe In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'कृषक का कर्म' और 'कृषक पर दोहें'पांच दोहें - कृषक का कर्म (Krishak Ka Karm)सांझ हुई घर को चले,किसान अरु दो बैल|किरणें गई धूल उड़ी,नभ तारों की वेल||बैलों को धकेल रहा,ले लकुटी वो हाथ|खेत रज से सना हुआ,अंग - अंग अरु गात||खेत में बीज बो दिया,अब बरखा का काम|सुफल कुफल जो भी मिले,अब ले हरि का नाम||करवट बदले रैन में,चित्त हुआ … [Read more...]