Kunwar Bechain ***** बड़ा उदास सफ़र है हमारे साथ रहो बड़ा उदास सफ़र है हमारे साथ रहो, बस एक तुम पे नज़र है हमारे साथ रहो । हम आज ऐसे किसी ज़िन्दगी के मोड़ पे हैं, न कोई राह न घर है हमारे साथ रहो । तुम्हें ही छाँव समझकर हम आ गए हैं इधर, तुम्हारी गोद में सर है हमारे साथ रहो । ये नाव दिल की अभी डूब ही न जाए कहीं हरेक साँस भँवर है हमारे साथ रहो । ज़माना जिसको मुहब्बत का नाम देता रहा, अभी … [Read more...]
Kunwar Bechain – Apani Siyah Pith Chhupata Hai Aaina | कुंअर बेचैन – अपनी सियाह पीठ छुपाता है आईना
Kunwar Bechain ***** अपनी सियाह पीठ छुपाता है आईना अपनी सियाह पीठ छुपाता है आईना सबको हमारे दाग दिखाता है आईना इसका न कोई दीन, न ईमान ना धरम इस हाथ से उस हाथ में जाता है आईना खाई ज़रा-सी चोट तो टुकड़ों में बँट गया हमको भी अपनी शक्ल में लाता है आईना हम टूट भी गए तो ये बोला न एक बार जब ख़ुद गिरा तो शोर मचाता है आईना शिकवा नहीं कि क्यों ये कहीं डगमगा गया शिकवा तो ये है अक्स हिलाता है … [Read more...]
Kunwar Bechain – Maut To Aani Hai To Fir Maut Ka Kyon Dar Rakhun | कुंअर बेचैन – मौत तो आनी है तो फिर मौत का क्यों डर रखूँ
Kunwar Bechain ***** मौत तो आनी है तो फिर मौत का क्यों डर रखूँ मौत तो आनी है तो फिर मौत का क्यों डर रखूँ जिन्दगी आ, तेरे क़दमों पर मैं अपना सर रखूँ जिसमें माँ और बाप की सेवा का शुभ संकल्प हो चाहता हूँ मैं भी काँधे पर वही काँवर रखूँ हाँ, मुझे उड़ना है लेकिन इसका मतलब यह नहीं अपने सच्चे बाज़ुओं में इसके-उसके पर रखूँ आज कैसे इम्तहाँ में उसने डाला है है मुझे हुक्म यह देकर कि अपना धड़ रखूँ या … [Read more...]
Kunwar Bechain – Choton Pe Chot Dete Hi Jane Ka Shukriya | कुंअर बेचैन – चोटों पे चोट देते ही जाने का शुक्रिया
Kunwar Bechain ***** चोटों पे चोट देते ही जाने का शुक्रिया चोटों पे चोट देते ही जाने का शुक्रिया पत्थर को बुत की शक्ल में लाने का शुक्रिया जागा रहा तो मैंने नए काम कर लिए ऐ नींद आज तेरे न आने का शुक्रिया सूखा पुराना ज़ख्म नए को जगह मिली स्वागत नए का और पुराने का शुक्रिया आतीं न तुम तो क्यों मैं बनाता ये सीढ़ियाँ दीवारों, मेरी राह में आने का शुक्रिया आँसू-सा माँ की गोद में आकर सिमट … [Read more...]
Kunwar Bechain – Ab aag ke libas ko jyada na dabiye | कुंअर बेचैन – अब आग के लिबास को ज़्यादा न दाबिए
Kunwar Bechain ****** Ab aag ke libaas ko jyaadaa n daabie Ab aag ke libaas ko jyaadaa n daabie, Sulagii huii kapaas ko jyaadaa n daabie . Aisaa n ho ki ungaliyaan ghaayal paDii milen, Chatake hue gilaas ko jyaadaa n daabie . Chubhakar kahiin banaa hii n de ghaav paanv men, Pairon tale kii ghaas ko jyaadaa n daabie . Mumakin hai khoon aapake daaman pe jaa lage, Jkhmon ke aasapaas yon … [Read more...]
Kunwar Bechain – Ye lafz aaine hain mat inhein uchhal ke chal | कुंअर बेचैन – ये लफ़्ज़ आईने हैं मत इन्हें उछाल के चल
Kunwar Bechain ***** Ye lafz aaine hain mat inhein uchhal ke chal Ye lafz aaine hain mat inhein uchhal ke chal, Adab ki raah mili hai to dekhbhal ke chal. Kahe jo tujhse use soon, amal bhi kar us par, Ghazal ki baat hai usko na aese taal ke chal. Sabhi ke kaam mein aayenge waqt padne par, Tu apane saare tajurbein ghazal mein dhaal mke chal. Mili hai zindagi isi hi maksad se, Sambhal khud … [Read more...]