Mazdoor Diwas Shayari | Labour Day Shayari | Images | Pics*****मैं मजदूर हूँ मजबूर नहीं यह कहने में मुझे शर्म नहीं अपने पसीने की खाता हूँ मैं मिटटी को सोना बनाता हूँLabour Day Shayari*****हाथो में लाठी हैं मजबूत उसकी कद-काठी हैं हर बाधा वो कर देता हैं दूर दुनिया उसे कहती हैं मजदूर*****परेशानियाँ बढ़ जाए तो इंसान मजबूर होता हैं श्रम करने वाला हर व्यक्ति मजदूर होता हैं*****किसी को क्या बताये कि कितने … [Read more...]