Nirjan-Van Poem In Hindi - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित रचना 'निर्जन - वन''निर्जन - वन' (Nirjan-Van)जंगल वन एकांत निर्जनरहता नहीं जहां कोई जनगगनचुम्बी जहां वृक्ष खड़े हैंविशालकाय सघन बड़े हैंझर झर झर झर झरता रहताप्रतिपल निर्झर बहता रहताशहर बस्ती से बहुत दूरजहां शांति हैं भरपूरसरिता का बहता पल पलजल अपनी मस्ती में कल कलसरस सरल सुन्दर लगता हैंमनमोहक वन का आननजंगल वन एकांत निर्जनरहता … [Read more...]