Pithal Aur Pathal : Kanhaiya Lal Sethia | पीथल और पाथल : कन्हैयालाल सेठिया ***** अरे घास री रोटी ही, जद बन बिलावडो ले भाग्यो | नान्हों सो अमरयो चीख पड्यो, राणा रो सोयो दुःख जाग्यो || हूं लड्यो घणो, हूं सह्यो घणो, मेवाडी मान बचावण नै | में पाछ नहीं राखी रण में, बैरया रो खून बहावण नै || जब याद करूं हल्दीघाटी, नैणा में रगत उतर आवै | सुख दुख रो साथी चेतकडो, सूती सी हूक जगा जावै || पण आज … [Read more...]