Jan Jan Jhum Rha Hai - मनीष नंदवाना 'चित्रकार' राजसमंद द्वारा रचित कविता 'जन जन झूम रहा हैं'जन जन झूम रहा हैं| (Jan Jan Jhum Rha Hai)आंगन में जन जन घूम रहा हैं|गरबे में मस्ति में झूम रहा हैं|चांदी सा मंदिर चमक गया हैं|सुमन सुगंध से महक गया हैं|सारे,दुख दर्द भूल गये हैं|जिह्वा पर माता जी का नाम रहा हैं|आंगन में...............झूम रहा हैं|1|सतरंग रंग की रंगोली बनी हैं|सारी बालाओं की टोली बनी हैं|गांव … [Read more...]