।। अथ शिव तांडव स्तोत्र प्रारम्भ || दोहा:- शिव प्रेरित मम आत्मा परमेश्वर शिव जानि । शिवताण्डव दशवदनकृत भाषा कियो बखानि ।। कवितामध्य बसि शारदा "अजय" शरण त्रिपुरारि। बिगरे भूले वरन को दीजो सुबुध सुधारि ।। यह भी पढ़े- रावण ने मंदोदरी को बताया था स्त्रियों में होते हैं ये 8 अवगुण (१) जटा अरण्य रूप ते प्रवाह गंग को बहै। गले लसै भुजंग माल तासु शोभा को कहै ।। बजाय हस्त डामरू जो उग्र नृत्य को … [Read more...]