Taqdeer Shayari | तकदीर शायरी ***** चाँद का क्या कसूर अगर रात बेवफा निकली कुछ पल ठहरी और फिर चल निकली उन से क्या कहे वो तो सच्चे थे शायद हमारी तकदीर ही हमसे खफा निकली ***** तक़दीर लिखने वाले एक एहसान कर दे मेरे दोस्त की तक़दीर में एक और मुस्कान लिख दे न मिले कभी दर्द उनको तू चाहे तो उसकी किस्मत मैं मेरी जान लिख दे ***** प्यार की कली सबके लिए खिलती नहीं चाहने पर हर एक चीज मिलती नहीं सच्चा प्यार … [Read more...]