Maa Ki Rasoi | Mothers Day Par Kavita - अंजलि देवांगन द्वारा रचित 'माँ की रसोई'समय कैसे बीत जाता है पता ही नहीं चलताआज माँ को गुजरे समय हो गया माँ तुम बहुत याद आती हो उन्ही के याद में(जब हम छोटे -छोटे थे)माँ की रसोई (Maa Ki Rasoi)खेत के मेढ़ो कीकाली मिट्टी से बनी वह तीन खंडो वाली आकर्षक चूल्हा ....जिस पर गाय के गोबर का लेपन लगाकर अनुभवी हाथों से उसे और मजबूत बनातीवह अद्भुत चूल्हा ....सुखी लकड़ियों … [Read more...]