Fani Badayuni (फानी बदायुनी)
Fani Badayuni Two Line Shayari Part – 5
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41
इक मुअम्मा है समझने का न समझाने का
ज़िंदगी काहे को है ख़्वाब है दीवाने का
(मुअम्मा = पहेली)
Ik muamma hai samjhne ka na samjhaane ka
Zindagi kaahe ko hai khwaab hai deewaane ka
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42
इब्तिदा-ए-इश्क़ है लुत्फ़-ए-शबाब आने को है
सब्र रुख़्सत हो रहा है इज़्तिराब आने को है
(इब्तिदा-ए-इश्क़ = प्यार की शुरुआत; रुखसत = विदा; इज़्तिराब = बेचेनी)
Ibdita-e-ishq hai lutf-e-shabaab aane ko hai
Sabr rukhsat ho raha hai izitraab aane ko hai
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43
इस दर्द का इलाज अजल के सिवा भी है
क्यूँ चारासाज़ तुझ को उम्मीद-ए-शिफ़ा भी है
(अजल = मौत; चारासाज़ = डॉक्टर; उम्मीद-ए-शिफ़ा = रोग के निदान की उम्मीद)
Is dard ka ilaaz azal ke siwa bhi hai
Kyun chaarzaaz tujh ko ummeed-e-shifa bhi hai
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44
किसी को क्या मिरे सूद ओ ज़ियाँ से
गिरे क्यूँ बर्क़ बच कर आशियाँ से
(सूद ओ ज़ियाँ = लाभ और हानि; बर्क़ = बिजली; आशियाँ = घर)
Kisi ko kya mire sood o jiyaan se
Gire kyun bark bach kar aashiyaan se
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45
जल्वा ओ दिल में फ़र्क़ नहीं जल्वे को ही अब दिल कहते हैं
यानी इश्क़ की हस्ती का आग़ाज़ तो है अंजाम नहीं
(जल्वा = आलोक, वैभव)
Jalwa o dil mein fark nahin jalwe ko hi ab dil kehate hain
Yaani ishq ki hasti ka aagaaz to hai anjaam nahin
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46
जिस्म-ए-आज़ादी में फूंकी तू ने मजबूरी की रूह
ख़ैर जो चाहा किया अब ये बता हम क्या करें
Jism-e-aazaadi mein phoonki tu ne majboori ki rooh
Khair jo chaaha kiya ab ye bata ham kya karein
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47
जौर को जौर भी अब क्या कहिए
ख़ुद वो तड़पा के तड़प जाते हैं
(जौर = हिंसा, उत्पीड़न, चंचलता)
Jaur ko jaur bhi ab kya kahiye
Khud wo tadpa ke tadap jaate hain
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48
दिल सरापा दर्द था वो इब्तिदा-ए-इश्क़ थी
इंतिहा ये है कि फ़ानी दर्द अब दिल हो गया
(सरापा = सम्पूर्ण; इब्तिदा-ए-इश्क़ = प्यार की शुरुआत)
Dil Saraapa dard tha wo ibtida-e-ishq thi
Intiha ye hai ki Fani dard ab dil ho gaya
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49
दिल-ए-आबाद का फ़ानी कोई मफ़्हूम नहीं
हाँ मगर जिस में कोई हसरत-ए-बर्बाद रहे
(मफ़्हूम = अर्थ)
Dil-e-abaad ka Fani koi mafhoom nahin
Haan magar jis mein koi hasrat-e-barbaad rahe
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50
करम-ए-बे-हिसाब चाहा था
सितम-ए-बे-हिसाब में गुज़री
किस ख़राबी से ज़िंदगी फ़ानी
इस जहान-ए-ख़राब में गुज़री
Karam-e-be-hisaab chaaha tha
Sitam-e-be-hisaab mein gujari
Kis kharaabi se zindagi Fani
Is jahan-e-kharaab mein gujari
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