Chanakya Niti For Good Leadership :- चाणक्य नीति में ग्यारहवें अध्याय के पहले ही श्लोक में 4 गुण बताए गए हैं जो सफल इंसान या किसी अच्छे लीडर में होते हैं। ये गुण सीखे नहीं जाते बल्कि कुछ खास लोगों में जन्मजात ही होते हैं। जिनके प्रभाव से हर काम में सफलता मिलती है। आज के समय में जॉब और बिजनेस या किसी अन्य क्षेत्र में भी इन गुणों के कारण सफलता मिलती है।
चाणक्य नीति का श्लोक
दातृत्वं प्रियवक्तृत्वं धीरत्वमुचितज्ञता।
अभ्यासेन न लभ्यन्ते चत्वारः सहजा गुणाः।।1।।
दानी होना
दान देना किसी व्यक्ति के स्वभाव में होता है, किसी भी इंसान की दान देना नहीं सिखाया जा सकता है। यह आदत उस इंसान के अंदर में होती है इसलिए किसी को दान देना नही सिखाया जा सकता।
निर्णय लेने की क्षमता
किसी भी व्यक्ति को निर्णय लेना कभी नही सिखाया जा सकता है। जो व्यक्ति उचित समय पर सही निर्णय लेता है, वह अपने जीवन में सफलता प्राप्त करता है।
धैर्य रखना
धैर्य रखना मनुष्य का सबसे अच्छा गुण माना जाता है। कठिन समय में अपने धैर्य को बनाए रखना से इंसान बुरे समय से निकल जाता है, लेकिन धैर्य को सिखाया नही जा सकता है यह गुण व्यक्ति के जन्म के साथ ही होता है।
मीठा बोलना
मीठा बोलना भी इंसान का सबसे बढ़िया गुण माना जाता है, यह गुण भी मनुष्य के स्वभाव में होता है किसी को मीठा बोलना कभी भी सिखाया नही जाता है।
कौन थे आचार्य चाणक्य
भारत के इतिहास में आचार्य चाणक्य का महत्वपूर्ण स्थान है। एक समय जब भारत छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित था और विदेशी शासक सिकंदर भारत पर आक्रमण करने के लिए भारतीय सीमा तक आ पहुंचा था, तब चाणक्य ने अपनी नीतियों से भारत की रक्षा की थी। चाणक्य ने अपने प्रयासों और अपनी नीतियों के बल पर एक सामान्य बालक चंद्रगुप्त को भारत का सम्राट बनाया जो आगे चलकर चंद्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुए और अखंड भारत का निर्माण किया।
चाणक्य के काल में पाटलीपुत्र (वर्तमान में पटना) बहुत शक्तिशाली राज्य मगध की राजधानी था। उस समय नंदवंश का साम्राज्य था और राजा था धनानंद। कुछ लोग इस राजा का नाम महानंद भी बताते हैं। एक बार महानंद ने भरी सभा में चाणक्य का अपमान किया था और इसी अपमान का प्रतिशोध लेने के लिए आचार्य ने चंद्रगुप्त को युद्धकला में पारंपत किया। चंद्रगुप्त की मदद से चाणक्य ने मगध पर आक्रमण किया और महानंद को पराजित किया।
आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं। जो भी व्यक्ति नीतियों का पालन करता है, उसे जीवन में सभी सुख-सुविधाएं और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
आचार्य चाणक्य की सम्पूर्ण नीतियाँ यहाँ पढ़े – सम्पूर्ण चाणक्य नीतियां
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