Beti Par Kavita | Beti Jab Ghar Aati Hai | बेटी जब घर आती हैं - यह कविता राजेन्द्र सनाढ्य राजन कोठारिया जी राजसमंद के द्वारा लिखी गयी है। बेटी जब घर आती हैंबहुत दिनों के बाद,बेटी जब घर आती हैं,पिता की बुढ़ी आंखें,एकदम छलछला जाती हैं।पिता को सामने पा कर,वो चरणों में झुक जाती हैं,थौड़ा स्वयं को संभाल कर,परिचित सीनें से लग जाती हैं।दिल के टुकड़े को,दिल से लगा कर,पिता का चेहरा दमकनें लगता हैं,कैसी हो … [Read more...]