स्त्रियों के संबंध में ऐसा माना जाता है कि स्वयं भगवान भी यह नहीं समझ सकते कि किसी स्त्री के मन में क्या चल रहा है। कुछ बातें ऐसी हैं जो अधिकतर स्त्रियों के स्वभाव में शामिल होती हैं। ये बातें कौन-कौन सी हैं इस संबंध में आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रन्थ चाणक्य नीति में बताया है।
चाणक्य कहते है की …
अनृतं साहसं माया मूर्खत्वमतिलोभिता।
अशौचत्वं निर्दयत्वं स्त्रीणां दोषा: स्वभावजा:।।
इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने स्त्रियों की 5 बुराइयों के बारे में बताया है जो इस प्रकार है –
1. इस श्लोक में आचार्य ने कहा है कि अधिकांश स्त्रियां बात-बात पर झूठ बोलती हैं। झूठ बोलने के स्वभाव के कारण स्त्रियां कई बार मुसीबत में भी फंस जाती हैं।
2. आचार्य कहते हैं कि काफी स्त्रियों का स्वभाव ऐसा होता है कि वे अचानक ही कुछ भी काम कर बैठती हैं। बिना सोच-विचार के ही कुछ कार्य कर देना स्त्रियों के लिए आम बात हैं।
3. चाणक्य के अनुसार काफी स्त्रियां बात-बात पर नखरे करती हैं। दूसरों पर अपना प्रभाव बनाने के लिए या अन्य लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने के लिए स्त्रियां तरह-तरह के नखरे दिखाती हैं।
4. कुछ महिलाएं अतिआत्मविश्वास के चलते मूखर्तापूर्ण कार्य कर देती हैं। ऐसे में उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
5. आमतौर पर ज्यादातर महिलाएं धन की लोभी होती हैं। उन्हें धन और स्वर्ण के प्रति खासा लगाव रहता है। धन लालच में कुछ स्त्रियां सही-गलत का भेद भूल जाती हैं।
कौन थे आचार्य चाणक्य
भारत के इतिहास में आचार्य चाणक्य का महत्वपूर्ण स्थान है। एक समय जब भारत छोटे-छोटे राज्यों में विभाजित था और विदेशी शासक सिकंदर भारत पर आक्रमण करने के लिए भारतीय सीमा तक आ पहुंचा था, तब चाणक्य ने अपनी नीतियों से भारत की रक्षा की थी। चाणक्य ने अपने प्रयासों और अपनी नीतियों के बल पर एक सामान्य बालक चंद्रगुप्त को भारत का सम्राट बनाया जो आगे चलकर चंद्रगुप्त मौर्य के नाम से प्रसिद्ध हुए और अखंड भारत का निर्माण किया।
चाणक्य के काल में पाटलीपुत्र (वर्तमान में पटना) बहुत शक्तिशाली राज्य मगध की राजधानी था। उस समय नंदवंश का साम्राज्य था और राजा था धनानंद। कुछ लोग इस राजा का नाम महानंद भी बताते हैं। एक बार महानंद ने भरी सभा में चाणक्य का अपमान किया था और इसी अपमान का प्रतिशोध लेने के लिए आचार्य ने चंद्रगुप्त को युद्धकला में पारंपत किया। चंद्रगुप्त की मदद से चाणक्य ने मगध पर आक्रमण किया और महानंद को पराजित किया।
आचार्य चाणक्य की नीतियां आज भी हमारे लिए बहुत उपयोगी हैं। जो भी व्यक्ति नीतियों का पालन करता है, उसे जीवन में सभी सुख-सुविधाएं और कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
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