Top 10 tourist destinations in India for summer :Information in Hindi – गर्मियों की छुट्टियां मनाने का प्लान कर रहे हैं, लेकिन जगह को लेकर कन्फ्यूज़्ड हैं। इंटरनेट पर भी कुछ समझ में नहीं आ रहा, तो हम आपको बताने जा रहे हैं ऐसी ही बेहद खूबसूरत जगहों के बारे में जहां आप इन गर्मियों में जाने का प्लान कर सकते हैं। बहुत सारे एडवेंचर के साथ-साथ काफी कुछ नया देखने और सीखने को मिलेगा यहां।
1. शिलांग (Shillong)शांत और खूबसूरत रिजॉर्ट्स शिलांग की पहचान हैं और यहां की खूबसूरत, शांत और दूर तक फैली उमियाम झील का नजारा किसी स्वर्ग से कम नहीं लगता। शिलांग नॉर्थ-ईस्ट के लोगों के लोगों के लिए घूमने की पसंदीदा जगहों में से एक है। इसे स्कॉटलैंड ऑफ द ईस्ट के नाम से भी जाना जाता है। लोगों का ऐसा मानना है कि शिलांग की ऊंची-ऊंची चोटियों पर भगवान बसते हैं। लंबे-लंबे पाइन के पेड़, पाइनएप्पल की झाड़ियों के नजारे देश-विदेश से सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। यहां की दारो, खासी और जैंतियां जातियां उनके अलग-अलग तरह के रीति-रिवाज भी इस हिल स्टेशन की खासियत है। समुद्र से 1,520 मीटर की ऊंचाई पर स्थित शिलांग में देखने के लिए बहुत कुछ मिलेगा। 12-13 मीटर की ऊंचाई पर स्थित क्रिनोलिन फॉल्स और 24-26 मीटर की स्थित गुन्नर फॉल्स खासे लोकप्रिय टूरिस्ट डेस्टिनेशंस हैं। हैप्पी वैली और स्वीट वाटरफॉल शिलांग के सबसे खूबसूरत वाटरफॉल हैं। यहां की वार्ड लेक बोटिंग के साथ, फिशिंग के लिए भी फेमस है। यहां के किसी भी रिजॉर्ट में रुककर सनराइज और सनसेट का मजा लिया जा सकता है। तरह-तरह के खाने के लिए फेमस शिलांग में पोर्क और कई प्रकार की नॉन वेजिटेरियन डिशेज़ सर्व की जाती हैं। स्वच्छ वातावरण, मनोरम नजारे, ठंडा मौसम और यहां के अनेक दर्शनीय स्थल इसकी शोभा बढ़ाते हैं।
2. कलिमपोंग (Kalimpong)पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में बसा कलिमपोंग समुद्र से 1250 मीटर की ऊंचाई पर स्थित होने के कारण अपने सुहावने मौसम के लिए जाना जाता है। यह छुट्टियां बिताने और एंजॉय करने के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है। कलिमपोंग ट्रैकिंग के लिए फेमस है, लेकिन इसके साथ ही यहां का गौरीपुर हाउस जो कवि रविन्द्रनाथ टैगोर का घर है, काफी इंटरेस्टिंग जगह है। दिओलो कलिमपोंग का सबसे ऊंचा गेस्ट हाउस है जहां से यहां के खूबसूरत नजारों को आसानी से देखा जा सकता है। यहां बाइकिंग आसानी से की जा सकती है, क्योंकि ट्रैफिक बिल्कुल नहीं होता। यहां काफी सारी धार्मिक जगहें हैं जिनमें कैथोलिक चर्च और मॉनेस्ट्री काफी फेमस हैं। यहां से महज 2 किलोमीटर पैदल चलकर कलिमपोंग के खूबसूरत नजारों और पहाड़ों को आसानी से देखा जा सकता है। दार्जिलिंग से कलिमपोंग जाना एक बहुत ही अच्छा अनुभव है, क्योंकि रास्ते हरे-भरे जंगलों और चाय के बागानों से भरे हुए हैं। लवर्स मीट पर रुककर तीस्ता और रंगीत नदियों के संगम को देखा जा सकता है। साथ ही पहाड़ों और नदियों के रास्ते से होकर सिलीगुड़ी भी घूमा जा सकता है।
3. मासिनगुडी (Masinagudi)घूमने की बेहतरीन जगहों में शामिल मासिनगुडी शांति और सुकून के साथ ही अपनी वनस्पतियों के लिए खासा जाना जाता है। यहां से तमिलनाडु राज्य के नीलगिरी में स्थित इस हिल स्टेशन का नेचुरल व्यू देखा जा सकता है। साथ ही यहां पर बहुत ही प्रसिद्ध बर्ड सैंक्चुअरी भी है, जहां पक्षियों की कई प्रजातियों के साथ ही जंगली हाथी, टाइगर्स, लंगूर, अनेक प्रकार की छिपकलियां, सांभर हिरन, पाइथन, कोबरा और बड़ी-बड़ी गिलहरियां भी दिख जाती हैं। मासिनगुडी में हाई से लेकर लो बजट वाले रिजॉर्ट और होटल उपलब्ध हैं। फार्म और गेस्ट हाउस तक की सुविधा यहां आने वाले टूरिस्टों के लिए मिल जाती है। यहां के रिजॉर्ट में नाइट सफारी, जंगलों में घूमने-फिरने और ट्रैकिंग का भी मजा लिया जा सकता है। देश-विदेश से आए सैलानियों को पार्टी के लिए यहां बहुत सारे बार और होटल भी मिल जाएंगे जहां ड्रिंक्स और खाने-पीने की अच्छी सुविधा मिलती है।
4. रानीखेत (Ranikhet)रानीखेत अपनी शांति और सुकून के लिए फेमस है। साथ ही यहां आकर एक अलग ही अनुभव मिलता है। एडवेंचर के शौकिनों के लिए यहां बहुत कुछ देखने को है। उत्तराखंड में बसा रानीखेत काफी खूबसूरत हिल स्टेशन है। फिल्मों की शूटिंग के लिए भी रानीखेत के लोकेशन्स काफी पसंद किए जाते हैं। कुमांऊ की पहाड़ियों के बीच पैराग्लाइडिंग करना एक अलग ही आनंद देता है। दिल्ली के काफी करीब होने के कारण रानीखेत काफी पसंद किया जाने वाला हिल स्टेशन है। वाइल्डरिफ्ट एडवेंचर कंपनी द्वारा 5-6 पैराग्लाइडिंग कैंप्स की व्यवस्था की जाती है, जहां इसके बारे में पूरी जानकारी भी दी जाती है। कुमाऊं के राजा सुखदेव की पत्नी पद्मावती को रानीखेत की खूबसूरती इतनी पसंद आई कि उन्होंने यहां रहने का निश्चय कर लिया था। तभी से इस जगह का नाम रानीखेत पड़ा।
5. कुन्नूर (Coonoor)कुछ डिफरेंट और एंडवेंचर के शौकिनों के लिए कुन्नूर भी एक बेहतरीन ऑप्शन है। 22 एकड़ में फैले फार्म हाउस में आर्गेनिक चीज़मेकिंग की सुविधा है, जो टूरिस्टों के बीच काफी लोकप्रिय है। समुद्र से 1850 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कुन्नूर बहुत ही खूबसूरत हिल स्टेशन है जो नीलगिरी की पहाड़ियों पर बसा हुआ है और ऊंटी से महज 19 किमी की दूरी पर है। जहां का मौसम हर वक्त सुहावना रहता है। शानदार व्यू, घूमने फिरने के काफी सारी जगहों, बागानों के साथ ही हनीमून डेस्टीनेशन के लिए भी जाना जाता है। लेकिन ट्रैकिंग और पैदल सैर करने का अपना ही एक अलग मजा है। चाय के बागानों को देखने के लिए दूर-दूर से टूरिस्ट्स यहां आते हैं। ई एम फोस्टर की नॉवेल पर बेस्ड डेविड लीन की फिल्म ए पैसेज टू इंडिया की शूटिंग यहीं हुई थी। कुन्नूर के पर्यटन के लिए अक्टूबर से मार्च के बीच आना सही रहेगा।
6. बासुंती (Basunti)बासुंती, शांति और सुकून वाली जगह जो खासतौर से योगा करने के लिए जानी जाती है। इसके कारण यहां काफी भीड़-भाड़ रहती है। पैदल सैर करते समय फलों के खूबसूरत बागान, खुली हवा में योगा क्लास, स्विमिंग, फिशिंग, पेंटिंग और मेडिटेशन करते हुए लोगों को देखा जा सकता है। यहां का खुला वातावरण सेहत के लिहाज से भी बहुत अच्छा है। होटलों की साफ-सफाई, अच्छा और हेल्दी खाना, इको फ्रेंडली सुविधाएं टूरिस्टों के आकर्षण की खास वजहें हैं। हर तरफ से आम, संतरे और पपीते के पेड़ों से घिरे बासुंती का नजारा आपको किसी फिल्म के दृश्य से कम नहीं लगेगा और यही कारण है कि फिल्म डायरेक्टरों के लोकेशन्स में बासुंती को शामिल किया जाता है।
7. नागिनी (Nagini)हिमालय की खूबसूरत जगहों में से एक है कुल्लू और कुल्लू जिले की तीर्थन नदी के तट पर बसा है नगिनी। दिल्ली से 550 किलोमीटरी की दूरी पर स्थित नगिनी में बहुत सारे खूबसूरत नजारे देखने को मिल जाएंगे। लार्जी नदी के किनारे पर लगभग 26 किलोमीटर आगे नगिनी गांव है। यहां कई दुर्लभ जड़ी-बूटियां उपलब्ध हैं। यहां से ट्रैकिंग करते हुए हिमालय राष्ट्रीय उद्यान की ओर जाया जा सकता है। एडवेंचर से भरी ट्रैकिंग वैसे तो खास यहां है, पर यदि किसी कारणवश ट्रैकिंग करने का मन न हो तो यहां से 40 किलोमीटर दूर 10,600 फुट ऊपर की ओर बढ़ कर जालोरी पास की सेलुवाल्यर डील तक पहुंचकर आनंद लिया जा सकता है। ये दोनों ही रास्ते तय करते हुए आपको यहां नेचुरल व्यू देखने को मिलते हैं जिन्हें कैमरे में कैद किए बिना टूरिस्ट्स खुद को रोक नहीं पाते हैं। ये व्यू बहुत ही सुकून और शांति का एहसास कराते हैं। रास्ते में कई ऐसे दुर्लभ पेड़-पौधे देखने को मिलते हैं जिन्हें इग्नोर नहीं किया जा सकता। यहां से ऊपर की ओर चलते हुए गुसैनी के उपवन में राजू का कॉटेज है। इस कॉटेज तक आना भी एक खास अनुभव है, क्योंकि यहां केवल खटोले के जरिए आ सकते हैं। यहां ठहरने के लिए हिमालयन ट्रॉट कैंप में जगह बुक करा सकते हैं। मछली पकड़ने का शौक रखने वालों के लिए तालाब के साथ रॉड व रील का प्रबंध भी है। यहां से दुर्लभ और महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियां खरीद कर अपने साथ ले जा सकते हैं।
8. नामिक रामगंगा वैली (Namik Ramganga Valley)हिमालय की ऊंची और सुंदर वादियों के बीच छुट्टियां बिताने का प्लान बहुत ही इंटरेस्टिंग और एडवेंचरस है। यहां की नामिक-रामगंगा वैली जो नंदा देवी और त्रिशूल के बहुत सारे गांवों के बीच स्थित है, जो अपनी परंपराओं और कलाओं के लिए खासतौर पर जानी जाती है। यहां के मंदिरों की लोकप्रियता अच्छी-खासी है। रामगंगा नदी, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में स्थित है। यहां के चारों ओर के खूबसूरत नजारों को देखकर काफी आनंद मिलता है। ट्रैकिंग के लिए यहां बहुत सारी और जगहों की भी ऑप्शन्स हैं। ट्रैकिंग के अलावा यहां के पहाड़ों पर साइकिलिंग के भी मजे लिए जा सकते हैं।
9. घूम (Ghum)दार्जिलिंग से 6 किलोमीटर की दूरी पर स्थित घूम की खूबसूरती भी देखने लायक है। दार्जिलिंग की हिल कार्ट रोड जाते वक्त घूम रेलवे स्टेशन से होकर ही जाना होता है। दार्जिलिंग की काफी ऊंची जगहों में शामिल घूम में टॉय ट्रेन द्वारा भी घूमा जा सकता है। घूम एक ऐसा जंक्शन है दार्जिलिंग का जहां से अलग-अलग जगहों के लिए रास्ते निकलते हैं। जैसे सोनादा, तुंग और कुर्सियोंग शहरों के रास्ते यहीं से होकर जाते हैं। यहां से 45 किलोमीटर की दूरी पर कलिमपोंग स्थित है। साथ ही सिलीगड़ी जाते वक्त भी यहां के खूबसूरत दृश्यों को देखा जा सकता है। यहां की टाइगर हिल्स पर सनराइज़ देखा जा सकता है। साथ ही कंचनजंघा की ऊंची-ऊंची चोटियों को भी रंग बदलते देख सकते हैं। सेंचल झील जो एक वाइल्ड लाइफ सेंक्चुअरी है जो यहीं स्थित है और वहां कई तरह के पक्षियों को देखने का लुत्फ उठा सकते हैं।
10. हफलौंग (Haflong)वाइट एंट हिलॉक के नाम से मशहूर हफलौंग हिल स्टेशन असम में स्थित है जो गुवाहाटी से 310 किलोमीटर की दूरी पर बसा है, जिसे खूबसूरत लैंडस्केप्स, झीलों और पर्वतों के लिए जाना जाता है। हफलौंग असम में सबसे ज्यादा घूमा जाने वाला टूरिस्ट प्लेस है। नीले पहाड़ों, अलग-अलग प्रकार के पक्षियों, ऑर्किड के फूलों के बीच बहती नदियां यहां की खूबसूरती में चार चांद लगाती हैं। समुद्र से 680 मीटर की ऊंचाई पर स्थित छुट्टियां मनाने के लिहाज से यह बहुत ही सुंदर जगह है। लेकसाइड रिजॉर्ट में यहां के बाकी व्यू को भी देखा जा सकता है। टूरिस्टों के लिए यहां ट्रैकिंग और पैराग्लाइडिंग की व्यवस्था भी है। पाइनएप्पल और संतरे की खेती के लिए मशहूर हफलौंग में कई पुरानी ब्रिटिशर बिल्डिंगों को देखा जा सकता है। यहां हिमार, मिजो और नागा जाति के लोगों को देखा जा सकता है। वैसे हफलौंग झील टूरिस्टों को खासा आकर्षित करती है। यहां हर साल मनाए जाने वाला चावांग कट फेस्टिवल में रंगारंग कार्यक्रमों का आनंद भी लिया जा सकता है।
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