Mafia Queens Of Mumbai Underworld: Story in Hindi- जुर्म की दुनिया यानी अंडरवर्ल्ड में सिर्फ दाऊद और हाजी मस्तान जैसे पुरुषों का ही दबदबा नहीं रहा, ऐसी कई महिलाएं भी हुईं जिनके नाम का सिक्का मायानगरी (मुंबई) में चलता था। आज आपको जुर्म की दुनिया में एक अलग मुकाम बनाने वाली कुछ ऐसी ही माफिया क्वींस के बारे में बताने जा रहे है-
जेनाबाई दारूवाला (Jenabai Daruwala) –
अंडरवर्ल्ड की रिपोर्टिंग करने वाले जाने-माने पत्रकार और लेखक हुसैन जैदी की किताब ‘माफिया क्वींस ऑफ मुंबई’ के मुताबिक देश की पहली महिला डॉन के रूप में जैनब उर्फ जेनाबाई दारुवाला का नाम आता है। मुंबई के डोंगरी इलाके में दारू का धंधा करने वाली इस माफिया क्वीन के एक-एक शब्द हाजी मस्तान और दाऊद के लिए पत्थर की लकीर हुआ करते थे।
जेनाबाई ने शराब के धंधे से लेकर चावल की ब्लैक मार्केटिंग तक का काम किया। बाद में वह पुलिस की मुखबिर बन गई। उम्र के अंतिम पड़ाव में जेनाबाई के बेटे की गोली मार कर हत्या कर दी गई, जिसके बाद उसने अपराध का रास्ता छोड़ दिया था। जेनाबाई को जानने वाले बताते हैं कि 1993 में मुंबई में हुए धमाकों की घटना से उन्हें बहुत चोट पहुंची और वह बीमार रहने लगी। धमाकों के कुछ साल बाद ही उसने दम तोड़ दिया।
गंगूबाई (Gangubai) –
मुंबई के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया कामठीपुरा में गंगूबाई का राज चलता था। वह मुंबई के सबसे बड़े चकलाघर (वेश्यालय) की संचालिका थी। मुंबई के वेश्या बाजार को हटाने के खिलाफ शुरू हुए आंदोलन का नेतृ्त्व गंगूबाई ने किया। आंदोलन के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने बातचीत के लिए उन्हें दिल्ली बुलाया। बातचीत के दौरान गंगूबाई ने उनके सामने शादी का प्रस्ताव रख सभी को चौंका दिया था। गंगूबाई की प्रतिमा(मूर्ति) आज भी मुंबई के कामठीपुरा में लगी है।
नीता नाइक (Neeta Naik) –
लंदन में पले-बढ़े अपने इंजीनियर पति और माफिया सरगना अश्विन नाइक को जुर्म की दुनिया में लाने वाली उसकी पत्नी नीता नाइक ही थी। पति के जेल जाने के बाद नीता ने ही उसके गिरोह की कमान संभाली। बाद में राजनीतिक संरक्षण पाने के लिए वह शिवसेना से जुड़ गई और नगर सेविका बनी। साल 2000 में चरित्र पर संदेह के चलते अश्विन ने नीता की गोली मारकर हत्या करवा दी थी। नीता नाइक शिवसेना की पार्षद भी थीं।
करीमा मुजीब शाह उर्फ आपा (Karima Mujeeb Shah)
मुंबई अंडरवर्ल्ड में करीमा मुजीब शाह को ‘आपा’ के नाम से बुलाया जाता है। आपा का सिक्का (दबदबा) आज भी मुंबई के घाटकोपर इलाके में चलता है। करीमा गैर-कानूनी रूप से झुग्गी बनाने का काम करते-करते महज 6 साल में माफिया क्वीन बन गई। उसके गैंग में 50 मेंबर थे। 5वीं पास करीमा का पति स्क्रैप डीलर था और उसने खुद करियर की शुरुआत गैर कानूनी रूप से झुग्गियों का निर्माण कर किया। इसके बाद से इसका प्रभाव और दुश्मन दोनों बढ़ने लगे और सुरक्षा के लिए इसने अपने गिरोह में पहले सदस्य सानबाबू पानीकर को शामिल किया। कुछ दिनों पहले पुलिस ने करीमा को गिरफ्तार किया है।
पदमा पुजारी (Padma Pujari)
कुख्यात गैंगस्टर रवि पुजारी के पीछे रहकर काम करने वालों में सबसे बड़ा नाम उसकी पत्नी पदमा पुजारी का है। पदमा को मुंबई पुलिस ने जाली पासपोर्ट के मामले में गिरफ्तार किया था। 2005 में जमानत के बाद रिहा हुई पदमा फरार है और इंटरपोल ने इसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया है।
रेश्मा मेमन और शबाना मेमन (Reshma Memon and Shabana Memon)-
मुंबई ब्लास्ट में सिर्फ दाऊद इब्राहिम और टाईगर मेमन का ही हाथ नहीं था। कहा जाता है कि पूरे देश को दहला देने वाले इस कांड में, टाईगर की बीबी, रेश्मा मेमन और उसकी साली, शबाना मेमन ने भी उनका साथ दिया था। ब्लास्ट से पहले ये दोनों देश से बाहर भाग गए थे और आज कराची में आराम की जिंदगी बिता रही हैं।
आशा गवली (Asha Gawli)
गैंगस्टर अरुण गवली की पत्नी आशा गवली को अंडरवर्ल्ड में ‘आशाताई’ के नाम से जाना जाता है। अरुण गवली इन दिनों जेल में बंद हैं और कहा जाता है कि आशाताई ही उनके पूरे गैंग का संचालन करती हैं। अरुण गवली के चुनावों में आशाताई ने अपने बलबूते प्रचार की पूरी जिम्मेदारी संभाली थी। आशा गवली के लिए कहा जाता है कि मुंबई के स्लम में इनके नाम से बड़े-बड़े दादा भी कांपते हैं।
अशरफा उर्फ सपना
जो दाऊद कई व्यापारियों, कई देशों की पुलिस के लिए मुश्किलें खड़ी करता रहा उसे मुंबई में चुनौती दी अशरफा उर्फ सपना नाम की लड़की ने। सपना के पति की हत्या दाऊद ने करवाई थी। पति की हत्या का बदला लेने के लिए सपना ने मार्शल आर्ट और गोली चलाने का प्रशिक्षण लिया। उसने दाऊद के खिलाफ अपना एक गैंग भी खड़ा किया। अंडरवर्ल्ड में सपना ‘दीदी’ के नाम से मशहूर अशरफा ने शारजहां में दाऊद की हत्या का प्लान भी बनाया था। बाद में दाऊद के इशारे पर सपना की हत्या कर दी गई थी।
शमीम मिर्जा उर्फ मिसेज पॉल
छोटा शकील की गर्लफ्रेंड और कारोबार में साझेदार शमीम मिर्जा ने शकील के भारत छोड़ने के बाद उसके मुंबई का पूरा काम संभाला। पुलिस ने शकील संग की गई उसकी कई घंटों की बातचीत को भी रिकॉर्ड किया था। साल 2002 में उसे मकोका के तहत गिरफ्तार किया गया।
Source: bhaskar.com
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